दोस्तों, प्राचीनकाल से ही स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखने के लिए योग की क्रिया को अपनाया गया है। योग एक ऐसा माध्यम है जो व्यक्ति को शारीरिक तौर पर ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से स्वस्थ बनाए रखता है। वर्तमान समय में अधिकतर लोग बीमारियों का शिकार होते नजर आ रहे हैं ऐसे में योग विशेषज्ञों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा योग को बढ़ावा देने का आग्रह किया जाता रहा है।
यही कारण है कि वर्तमान समय में योग एक महत्वपूर्ण विषय बन चुका है। योग का महत्व, योग की आवश्यकता आदि विषयों पर योग से जुड़े कई निबंध विद्यार्थियों को परीक्षा में दिए जाते हैं। तो आज का आर्टिकल हमारा इसी विषय से जुड़ा हुआ है। आज हम आपको योग पर निबंध प्रस्तुत करने जा रहे हैं।
तो आइए जानते योग पर निबंध…
योग पर निबंध (300 शब्द)
पिछले कुछ सालों से जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है, योग का महत्व बढ़ गया है। लोगों में योग का उत्साह इतना बढ़ गया है कि लोग डिजिटल माध्यम के जरिए इससे जुड़ने को तैयार हैं। सांस लेने में होने वाली परेशानियों के चलते डॉक्टर को मूवी योग का सहारा लेने की हिदायत दी है।
योग को आध्यात्मिक अनुशासन कहा जाता है जो एक सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित है जिसका उद्देश्य शरीर और मन के बीच सामंजस्य स्थापित करना है। योग शब्द की व्युत्पत्ति संस्कृत के युज शब्द से मानी गई है। युज का अर्थ होता है जोड़ना।
योग की उत्पत्ति
भारत में योग की प्रथा सदियों पहले शुरू हुई थी। वर्तमान समय में भी, स्वास्थ्य के साथ-साथ समग्र जीवन के लिए इसके लाभों के कारण कई लोग इसका अनुसरण करते हैं। योग ने लोगों की जीवनशैली में कई बदलाव किए हैं। कामकाजी लोगों से लेकर मशहूर हस्तियों तक, संतुलित जीवन बनाए रखने के लिए हर कोई योग का अभ्यास करता है। योग लोगों को सद्भाव और शांति में एकजुट करने में मदद करता है।
वर्षों से, योग विशेषज्ञों ने विभिन्न प्रकार के योगों की खोज की है जो कई लाभ प्रदान करते हैं। भारत वर्तमान में योग का केंद्र चरण है और अन्य देशों के लोग इसका अभ्यास करने के लिए भारत आते हैं।
योग के लाभ
योग शरीर को लचीलापन और मन को विश्राम प्रदान करता है। योग हमारे दिमाग को तेज करने और हमारी बुद्धि में सुधार करने के लिए बनाया गया है। योग का नियमित अभ्यास हमारी भावनाओं को नियंत्रित करने और कल्याण को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। यदि नियमित रूप से अभ्यास किया जाए तो यह आत्म-अनुशासन और आत्म-जागरूकता विकसित करने में मदद करता है।
शारीरिक लाभ के अलावा योग दीर्घकाल में मानसिक रूप से भी लाभ पहुंचाने में मदद करता है। अगर आप तनाव में हैं तो योग का अभ्यास करने से आपके मानसिक व्यवहार में बदलाव आएगा। अगर ध्यान और सांस लेने के व्यायाम के साथ योग किया जाए तो योग मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेगा। योग एक स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है।
योग के लाभों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए 21 जून को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। यह संपूर्ण मानव जाति को योग के रूप मिले उपहार का जश्न मनाने का दिन होता है। इस दिन सभी लोगों को योग के प्रति जागरुकता और उसके महत्व से अवगत कराए जाने का प्रयास किया जाता है।
योग पर निबंध (500 शब्द)
प्रस्तावना
योग स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाए रखने की एक क्रिया है। यह क्रिया बच्चों से लेकर वृद्ध वर्ग तक के लोगों को स्वस्थ रखने में सक्षम है। योग के माध्यम से व्यक्ति शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहता है। विशेषज्ञों की मानें तो, योग बड़ी से बड़ी बीमारियों का भी अंत कर सकता है। लेकिन योग का अभ्यास और उसको करने का सही तरीका आपको अवश्य आना चाहिए। योग के महत्व को देखते हुए वर्तमान समय में इसे बढ़ावा देने के लिए हर कोई प्रयासरत है।
योग का अर्थ
योग का अर्थ होता है जोड़ना। क्योंकि अर्थ के विषय में कहा जा सकता है कि “योग जीवात्मा का परमात्मा से मिलन है।” जब आप अपने मन को एक जगह स्थापित करते हैं और उसको इधर-उधर भटकने से रोकते हैं तो यह योग की क्रिया कहलाती है. योग को महान व्यक्तित्वों ने भी परिभाषित किया है। उनके अनुसार योग शब्द संस्कृत धातु के युज से बना है। जिसका अर्थ होता है जोड़ना या किसी भी कार्य में कुशलता हासिल करने के लिए अपने शरीर को तन और मन से एकाग्र करना है।
योग का महत्व
योग स्वास्थ्य के लिए वरदान होता है। एक अच्छे स्वास्थ्य से ही आप कई प्रकार की परेशानियों को दूर कर सकते हैं और सुख सुविधाओं का आनंद उठा सकते हैं। मानव शरीर के तन और मन को स्वस्थ बनाए रखने के लिए योग अत्यंत महत्वपूर्ण है। योग हमारे शरीर को मजबूत बनाता है और मानसिक रूप से भी हमें स्वस्थ रखता है। योग करने वाला व्यक्ति दीर्घायु प्राप्त करता है। यदि आपको अपने विचार मजबूत बनाने हैं और आलस्य को दूर भगाना है तो आपको योग का सहारा अवश्य लेना चाहिए। योग आपको जीवनपर्यंत स्वस्थ और खुशहाल बनाए रखने में मददगार साबित हो सकता है।
योग के प्रकार
प्राचीन समय में जब हमारे ऋषि-मुनियों ने पशु पक्षियों से मानक की तुलना की तो इस तुलना में उन्होंने जाना कि जिस प्रकार मनुष्य को सर्दी, खांसी, जुकाम इत्यादि होता है, ऐसा पशु पक्षियों को आखिर क्यों नहीं होता है? इस बात का उत्तर स्पष्ट करते हुए उन्होंने पशु पक्षियों के मुद्राओं का की महत्वता का वर्णन किया है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि योग की कई शैलियां है जो कि एक दूसरे से भिन्न है लेकिन एक समान गुणकारी हैं।
योग के प्रकार में निम्नलिखित शैलियां शामिल हैं:
- अष्टांग योग
- विक्रम योग
- हठ योग
- अयंगर योग
- जीवामुक्ती योग
- कुण्डलिनी योग
- कृपालु योग
- शिवानंद योग
- आराम योग
- पावर योग।
निष्कर्ष
निसंदेह योग की शुरुआत प्राचीन काल से हुई थी लेकिन वर्तमान समय में इसका महत्व और इसकी लोकप्रियता निरंतर बढ़ती जा रही है. योग भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी लोकप्रियता को बढ़ा रहा है। चूंकि योग शरीर के बहुत सी बीमारियों को दूर करने में मददगार है। इसीलिए हम सभी को योग का अभ्यास जारी रखना चाहिए। इसके साथ ही लोगों को भी योग के महत्व के विषय में जागरूक करना चाहिए।