मिट्टी बचाओ पर निबंध

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आज हम अपने लेख के माध्यम से आपको मिट्टी बचाओ विषय पर निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। इस निबंध के माध्यम से हम मिट्टी के महत्व और उसके बचाव के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।

चलिए जानते हैं मिट्टी बचाओ विषय पर निबंध…

प्रस्तावना

मिट्टी या मृदा प्रत्येक प्राणी के लिए आवश्यक है। मिट्टी से ही पेड़ पौधे तथा जीव जंतु पोषित होते हैं। जिसके माध्यम से हमें लकड़ी फल फूल इत्यादि प्राप्त होता है। प्राणियों के लिए मिट्टी अनिवार्य आवश्यकता है। हम अपने दैनिक जीवन में भी जिस सड़क के ऊपर चलते हैं वह भी मिट्टी के ऊपर बनी है। इस प्रकार धरती पर रहने वाला हर एक प्राणी मिट्टी के साथ जुड़ा हुआ है। लेकिन मृदा प्रदूषण इतना बढ़ चुका है कि मिट्टी को बचाने के लिए राष्ट्र अपने अपने स्तर पर प्रयासरत है।

मिट्टी का महत्व

हम सभी जानते हैं कि कृषि के बिना भोजन प्राप्त नहीं किया जा सकता है और मिट्टी के बिना कृषि नहीं की जा सकती। अतः मानव की भूख शांत करने में भी मिट्टी का महत्वपूर्ण योगदान है। भोजन पकाने और ग्रहण करने के लिए मिट्टी के बर्तन ही सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं। मिट्टी के बर्तन में पके भोजन में कभी भी पौष्टिक तत्व नष्ट नहीं होते हैं और संपूर्ण पौष्टिक तत्व को मनुष्य ग्रहण करता है। चाहे शहर हो या गांव मिट्टी हर जगह अपना महत्वपूर्ण योगदान देती है। मिट्टी के बिना किसी भी शहर, गांव, रेगिस्तान इत्यादि की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

मिट्टी प्रदूषण

जल और वायु की तरह ही मिट्टी भी मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता है। वनस्पति अनाज, पेड़ पौधों की जननी मिट्टी ही है। लेकिन भूमि में पाए जाने वाले असंतुलित तत्वों के कारण मिट्टी प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। कीटनाशक दवाओं का प्रयोग, औद्योगिक कारखानों का अपशिष्ट मिट्टी के अंदर दबाया जाना इत्यादि कारणों से मिट्टी प्रदूषण आज उच्च स्तर पर बढ़ चुका है। कारखानों और घरों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ मिट्टी वाले खुले स्थानों में निपटाया जाता है जिससे भूमि प्रदूषण होता है।

मिट्टी प्रदूषण का जीवन पर प्रभाव

मिट्टी के माध्यम से ही वनस्पति अनाज और पेड़ पौधे विकसित होते हैं। ऐसे में यदि जड़ ही दूषित होगी तो सामान्य सी बात है उससे उत्पन्न होने वाली हर चीज भी दूषित होगी। पर्यावरण के साथ ही मिट्टी प्रदूषण प्राणियों को भी अपूरणीय क्षति पहुंचा रहा है। विषाक्त पदार्थ जो मनुष्य तक पहुंचते हैं वह उनके श्वसन तंत्र को बाधित करते हैं वही सामान्य जीव जंतु, जानवरों को अंदरुनी बीमारियों को झेलना पड़ता है। यह विभिन्न श्वसन रोगों का कारण है। मनुष्य के लिए मिट्टी प्रदूषण जानलेवा साबित होता है।

मिट्टी बचाओ अभियान की शुरूआत

देश में मिट्टी बचाओ आंदोलन की शुरुआत साल 1977 में हुई थी। यह आंदोलन मध्य प्रदेश में तवा बांध के कारण जल भराव और लवणता के खिलाफ शुरू किया गया था। इस अभियान के तहत प्रभावित भूमि के मुआवजे की मांग के लिए स्थानीय किसानों को एकत्रित किया गया। इस आंदोलन की शुरुआत सर्वप्रथम होशंगाबाद मध्य प्रदेश में हुई थी।

मिट्टी बचाओ आंदोलन

मिट्टी के महत्व को देखते हुए ईशा फाउण्डेशन के संस्थापक, सद्गुरु के द्वारा भी पिछले महीने मिट्टी बचाओ अभियान शुरू किया गया है। जो अब मिट्टी के विनाश की ओर दुनिया का ध्यान खींचने वाली बड़ी ताकत बन चुकी है। इस आंदोलन में बड़े बड़े नामों की हस्तियों ने भी अपना योगदान दिया है। जिसमें कंगना रनौत, अजय देवगन, आर माधवन, प्रेम चोपड़ा, अनुपम खेर, मौनी रॉय, जूही चावला, मनीषा कोइराला और तमन्ना भाटिया जैसे मशहूर कलाकारों से लेकर सोनू निगम आदि नाम शामिल हैं। इस आंदोलन में सदगुरु द्वारा मिट्टी के संरक्षण हेतु हर संभव प्रयास जारी हैं। जिसमें उन्होंने सेव सॉइल के हिस्से के रूप में 27 देशों में 30000 किलोमीटर की दूरी अपनी साइकिल यात्रा के दौरान पूरी की और रोम से जिनेवा पहुंचे।

निष्कर्ष

इस धरती पर अधिकाश अंश मिट्टी है। भारत में कई प्रकार की मिट्टी पाई जाती है। जो भिन्न भिन्न प्रकार से देशवासियों के लिए उपयोगी होती है। ऐसे में हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम अपने देश की मिट्टी को प्रदूषित होने से बचाएं।

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