रग्बी खेल पर निबंध

रग्बी खेल फुटबॉल खेल का ही एक रूप है। आपने अक्सर रग्बी फुटबॉल लीग खेल के आयोजन के विषय में सुना होगा। निश्चित ही यह खेल फुटबॉल से लिया गया है लेकिन रग्बी खेल फुटबॉल से कुछ अलग है। आज हम इस लेख के माध्यम से रग्बी खेल पर निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। इसमें आपको रग्बी खेल से संबंधित विभिन्न जानकारी प्राप्त होगी।

प्रस्तावना: रग्बी खेल टीम से संबंधित खेल है। हर टीम में बंटे 15-15 खिलाड़ियों का मुख्य लक्ष्य प्रतिद्वंदी की टीम को हराना है। सभी खिलाड़ी गेंद को किसी भी दिशा में हाथ की सहायता से गेंद स्थानांतरित करते हुए आगे बढ़ते हैं, यही खेल रग्बी है। जिस खिलाड़ी के गोलिंग अथवा स्कोरिंग ज्यादा होती है, वो टीम विजेता घोषित कर दी जाती है। इस खेल का प्रचलन कई विदेशी देशों के साथ भारत में भी हुआ। अतः भारत के इतिहास में रग्बी खेल का स्थान है।

रग्बी खेल का इतिहास: 18 वीं शताब्दी तक ग्रेट ब्रिटेन जैसे अन्य देश जहां पर फुटबॉल खेल प्रचलन में था। वहां फुटबॉल की गेंद को पैर से मारकर ही खेला जाता है। हाथ में लेकर कभी भी फुटबॉल खेलने का तरीका नहीं निकाला गया। तभी 1823 में ग्रेट ब्रिटेन के एक स्कूल में फुटबॉल खेल का आयोजन हुआ। इस फुटबॉल खेल के दौरान एक खिलाड़ी गेंद को हाथ में लेकर दौड़ने लगा। इस खिलाड़ी का नाम विलियम वेब इलिस था। इन्हीं को रग्बी खेल का जनक माना जाने लगा है। क्योंकि इसी घटना के बाद से रग्बी खेल का जन्म हुआ।


इसके पश्चात् 1845-48 के मध्य ग्रेट ब्रिटेन के रग्बी स्कूल तथा कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने रग्बी खेल के नियम आदि तैयार करें। नियम और दस्तावेज बनने के बाद 1871 में सर्वप्रथम रग्बी नेशनल फेडरेशन की स्थापना की गई। इसी के साथ ही इसी वर्ष इंग्लैंड तथा स्कॉटलैंड के मध्य रग्बी खेल का पहला इंटरनेशनल मैच खेला गया।1886 में रग्बी खेल के इंटरनेशनल फेडरेशन की स्थापना की गई। 19 सदी के अंत तक रग्बी खेल का अस्तित्व संपूर्ण विश्व में फैलने लगा। 20 वीं सदी के आरंभ में इस खेल की लोकप्रियता का स्तर बढ़ता चला गया।

रग्बी खेल का रूप: रग्बी टीम की एकता, एकाग्रता तथा आत्मविश्वास के साथ खेले जाने वाला एक खेल है। रग्बी का दुनिया में बढ़ता विस्तार रग्बी के विभिन्न प्रकारों को भी उत्पन्न करता है, जैसे – रग्बी यूनियन, सेवेंस रगबी, टब रग्बी, रग्बी 7, रग्बी 10, हील चेयर रग्बी आदि। वर्तमान में यह खेल शौक तथा व्यावसायिक दोनों प्रकार से खेला जाता है। शारीरिक तथा मानसिक शक्तियों के साथ खेले जाने वाले इस खेल को समस्त वर्ग व आकार के लोग खेल सकते हैं।

रग्बी खेल के लिए सबसे महत्वपूर्ण है गेंद। रग्बी खेल में प्रयोग होने वाली गेंद लेदर या मुटेवल सिंथेटिक से बनाई जाती है। इस प्रकार की गेंदों पर आसानी से ग्रिप बनाई जा सकती है। यह गेंद अंडाकार में होती है। इस गेंद का वजन 410-460 ग्राम तक का होता है।

इसके अतिरिक्त रग्बी खेलने के लिए जिस मैदान (ग्राउंड) का चयन किया जाता है वह मैदान मिट्टी, घास, रेत या आर्टिफिशियल टर्क वाला चुना जाता है। आयताकार में बना रग्बी खेल के मैदान में रग्बी पिच 94-100 मीटर लंबी तथा 68-70 मीटर तक चौड़ी होती हैं।

रग्बी खेल के नियम:-

• स्टैंडर्ड रग्बी खेल में अधिकतम 15 खिलाड़ी सम्मिलित किए जा सकते हैं।
• रग्बी 7 खेल में अधिकतम सात खिलाड़ी शामिल किए जा सकते हैं।
• रग्बी खेल का एक मैच 80 मिनट का होता है। जिसे 40-40 मिनट के दो हाफ में खेला जाता है। जिसमें 15 मिनट तक का इंटरवल या खाली समय दिया जाता है।
• इसके अतिरिक्त रग्बी 7 के खेल का समय 14 मिनट का होता है। जिसे 7-7 मिनट के दो हाफ में खेला जाता है। इसमें 2 मिनट तक का ही इंटरवल दिया जाता है।
• रग्बी खेल में चार प्रकार से अंक अर्जित किए जाने के नियम हैं –
• ट्राई या पेनाल्टी ट्राई में पांच अंक अर्जित किए जाते हैं।
• दो अंक कनवर्जन मेथड से प्राप्त हो सकते हैं।
• पेनाल्टी गोल में तीन अंक मिलते हैं।
• ड्रॉड गोल के माध्यम से तीन अंक मिल सकते हैं।
• दंड देने के लिए खिलाड़ी को पीला तथा लाल कार्ड दिया जाता है। पीला कार्ड चेतावनी के लिए होता है तथा लाल कार्ड निष्कासित करने के लिए दिया जाता है।

निष्कर्ष: एक ओर रग्बी खेल न्यूजीलैंड देश का राष्ट्रीय खेल है, वही दूसरे ओर रग्बी खेल को दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया जैसे आदि देशों में बेहद पसंद किया जाता है। फ्रांस में भी यह खेल अत्यधिक लोकप्रिय है। भारत में भी राष्ट्रीय स्तर पर सभी वर्गों के लोगों के लिए रग्बी खेल का आयोजन होता है। भारत में रग्बी खेल का घर कोलकाता को माना जाता है।

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