राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर निबंध

5/5 - (1 vote)

प्रस्तावना

शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए किसी भी राष्ट्र की उन्नति संभव है। शिक्षा के बिना एक समृद्ध तथा सुशासित समाज की कल्पना करना कठिन हो जाता है। भारत देश में ब्रिटिश साम्राज्य की समाप्ति के बाद विभिन्न पदों का गठन किया गया। जिसमें आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री का पद मौलाना अबुल कलाम आजाद को दिया गया। मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवंबर को हुआ था। उनके जन्म दिवस के उपलक्ष्य में ही भारत वर्ष में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। मौलाना अबुल कलाम आजाद को सम्मान देने के साथ ही भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने का खास महत्व है।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस कब मनाया जाता है?

भारत के पहले शिक्षा मंत्री का नाम मौलाना अबुल कलाम आजाद था। जिनका जन्म 11 नवंबर 1888 को हुआ था। इन्होंने भारत में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जिसके चलते हर वर्ष उनके जन्मदिवस पर यानि 11 नवंबर के दिन भारतवर्ष में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। इस राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की स्थापना साल 2008 में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा की गई थी। जिनके प्रयास के साथ आज शिक्षा प्रणाली में काफी महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं और यह दिवस निरंतर मनाया जा रहा है। सरकार द्वारा भी इस राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर विशेष योजनाएं आयोजित की जाती हैं। जिनका लाभ विद्यार्थियों को प्राप्त होता है।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने का क्या उद्देश्य है?

किसी भी देश की विकसित देश बनाने के लिए उस देश के नागरिकों का साक्षार होना जरूरी है। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने का उद्देश्य देश में शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देना है। इस राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है। साथ ही इस दिवस के जरिए प्रत्येक व्यक्ति को साक्षर बनाने का संदेश दिया जाता है।

इस दिवस को मौलाना अबुल कलाम आजाद को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए भी मनाया जाता है। मौलाना अबुल कलाम आजाद ने देश में शिक्षा के लिए कई सार्थक प्रयास किए। उन्होंने महिला शिक्षा पर भी बेहद जोर दिया। वह एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे तथा एक शिक्षाविद् थे। जिन्होंने देश की शिक्षा प्रणाली को विकसित करने के लिए कई शिक्षा योजनाओं, पुस्तकालयों को बनवाया।

इतना ही नहीं उनके नाम से आज भारतवर्ष में कई शिक्षण संस्थान बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। इस दिवस के मध्यम से अबुल कलाम आजाद के शिक्षा के क्षेत्र में किए गए योगदानो को याद किया जाता है। साथ ही उनके योगदान को आगे स्तर पर ले जाने का प्रयास किया जाता है।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस कैसे मनाया जाता है?

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को राष्ट्रीय, राज्य व जिला इत्यादि समस्त स्तरों में मनाया जाता है। इस दिन कॉलेजों, विद्यालयों तथा महाविद्यालयों में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाती हैं। निबंध, भाषण, पोस्टर आदि प्रतियोगिताओं के माध्यम से विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति चेतना बढ़ाई जाती है।

इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर सेमिनार, प्रोग्राम आदि आयोजित किए जाते हैं। बड़े-बड़े सेमिनार के माध्यम से मुख्य रूप से नई शिक्षा नीति का वर्णन किया जाता है। साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर शिक्षा के क्षेत्र में उठाए जाने वाले महत्वपूर्ण नियमों का वर्णन किया जाता है।

निष्कर्ष

इस प्रकार, भारतवर्ष का यह राष्ट्रीय शिक्षा दिवस एक विशेष उद्देश्य व थीम के साथ हर वर्ष मनाया जाता है। इस दिवस के माध्यम से देशभर में शिक्षा के महत्व का संदेश दिया जाता है। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के आने पर सरकार भी नई नीतियों को शिक्षा क्षेत्र में उतारती है। जिससे शिक्षा प्रणाली में सुधार करने का प्रयास जारी रहता है।

यह राष्ट्रीय शिक्षा दिवस जिनकी याद में मनाया जाता है, उन महान शिक्षाविद् मौलाना अबुल कलाम आजाद की मृत्यु 22 फरवरी 1958 में हो गई। मौलाना अबुल कलाम आजाद को भारत के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से सन् 1992 में मरणोउपरांत सम्मानित भी किया गया है।

Leave a Comment