मेरे गांव पर निबंध

आज इस लेख के माध्यम से हम मेरे गांव विषय पर निबंध लिखकर प्रस्तुत हुए हैं। यह निबंध विद्यार्थियों की परीक्षाओं तथा प्रतियोगिताओं में सहायता प्रदान करेगा। आइए जानते हैं मेरा गांव विषय पर निबंध…

प्रस्तावना- वर्तमान समय में हमारे देश के कई गांव शहरों में परिवर्तित होते जा रहे हैं। शहरों की सुख सुविधाओं को देखते हुए तथा देश को एक विकसित राष्ट्र के रूप में बनाए रखने के लिए गांव का शहरीकरण कर दिया जाता है। लेकिन यह बात हम समझ सकते हैं कि, गांव में जो वातावरण व सुख प्राप्त होता है, वह किसी भी शहर में प्राप्त नहीं हो सकता। जब भी हम गांव का नाम सुनते हैं, तो हमारे मन में खुशहाली व चारों तरफ हरियाली की तस्वीर जैसी कल्पना बन जाती है। वास्तव में, गांव में जो शांति प्राप्त होती है,वह दुनिया के किसी कोने में प्राप्त नहीं हो सकती।

मेरा गांव का स्वरूप- मेरा गांव भी बेहद खूबसूरत है। यहां सवेरे सूर्य की पीली किरण झोपड़ियों को प्रकाशमान कर देती हैं, यहां चारों ओर खेतों की हरियाली लोगों के मन को प्रफुल्लित करती है। सुबह-शाम यहां मंद-मंद हवाएं चलती है जो कि मेरे गांव के प्रत्येक गांव वासी के मन को शुद्ध करती है। मेरे गांव के चर्चे काफी दूर-दूर तक फैले हुए हैं। मेरे गांव में लगभग 25000 लोग निवास करते हैं। हजारों की संख्या में रहने वाले सभी लोग एकता की मिसाल कायम करते हैं। यही मेरे गांव की विशेषता है। मेरे गांव का अद्भुत स्वरूप देखने के लिए कई शहर के व्यक्ति भी यहां आते रहते हैं।

मेरे गांव में शिक्षा, चिकित्सा सुविधा- मेरे गांव का नाम चितौली है। जो कि फतेहगंज पश्चिमी से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मेरे गांव में एक विद्यालय बना है, जिसका नाम विद्या मंदिर है। इस विद्यालय में लगभग 500 विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। मेरे गांव के विद्यालय में बालक तथा बालिकाएं समान रूप से एक साथ अध्ययन करते हैं। यह विद्यालय कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक बनाया गया है। यहां विद्यालय में शिक्षण संबंधित समस्त आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध है।

इसके साथ ही मेरे गांव के केंद्र में एक चिकित्सालय भी बना हुआ है। जिसमें मरीजों का इलाज काफी कम शुल्क में किया जाता है। इस चिकित्सालय में लगभग 20 से 25 स्टाफ का सदस्य काम करता है। यहां इलाज करने वाले डॉक्टर बेहद अनुभवी व कुशल है। यहां मरीजों के लिए इमरजेंसी सुविधाएं भी दी जाती हैं। मुझे गर्व है कि मेरे गांव में शिक्षा से लेकर चिकित्सालय तक की सुविधाएं मौजूद हैं।

मेरे गांव की स्वच्छता- मेरे गांव का प्रत्येक निवासी स्वच्छता के महत्व को भलीभांति समझता है। यहां पशु पक्षियों की मौजूदगी होने के साथ ही खेती-बाड़ी भी उत्कृष्ट स्तर पर की जाती है। मेरे गांव के प्रत्येक घर में कूड़ा दान मिलता है। यहां की कच्ची सड़के भी साफ-सुथरी रहती हैं। गांव में मौजूद नदियां व तालाब कभी गंदे नहीं पाए जाते हैं। देश के विकसित होने के साथ-साथ मेरा गांव में विकासशील हो चुका है। आज मेरे गांव में कोई भी खेतों में शौच के लिए नहीं जाता है। बल्कि प्रत्येक घर में शौच की व्यवस्था की जा चुकी है। मेरे गांव में गलियों की साफ सफाई पर भी विशेष ध्यान रखा जाता है।

निष्कर्ष- निसंदेह गांव का जीवन प्रकृति के करीब होने के साथ ही प्रकृति से जुड़ा होता है। ग्रामीण क्षेत्रों के मौजूद होने से प्रकृति को बेहद कम नुकसान होता है। लेकिन आज के आधुनिक समय में अधिकतर लोग गांव से निकलकर शहर की ओर पलायन कर रहे हैं। जो कि एक चिंता का विषय है। आज अधिकतर लोग खेती नहीं करना चाहते क्योंकि वह एक बेहद मेहनत का काम है। लेकिन वास्तव में खेती हमारी मिट्टी से जुड़ा हुआ कार्य तथा आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के साथ ही खेती हमेशा रूप से भी मजबूत बनाने की क्षमता रखता है। हालांकि मेरा गांव किसी शहर से कम नहीं है, लेकिन इसके बावजूद गांव की संख्या घटने पर सरकार व समाज दोनों को ही विचार करना चाहिए।

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