मेरे प्रिय पक्षी पर निबंध

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दुनिया में विभिन्न प्रकार के पक्षी मौजूद हैं। प्रत्येक की अपनी-अपनी एक खासियत है, लेकिन मुझे सबसे अधिक प्रिय तोता है। आज अपने लेख के माध्यम से हम आपके लिए प्रिय पक्षी पर निबंध लेकर आएं हैं। इस निबंध के माध्यम से मेरे प्रिय पक्षी तोते के बारे में जैसे रोचक बातें जानने को मिलेंगी।

चलिए जानते हैं मेरे प्रिय पक्षी पर निबंध,

प्रस्तावना

पृथ्वी पर पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं। मोर, कोयल, तोता, चील, बाज, कबूतर इत्यादि पक्षियों की श्रेणी में आते हैं। परंतु मुझे सबसे अच्छा पक्षी तोता लगता है। प्रकृति ने तोते में समझदारी कूट-कूट कर भरी है। कोई भी बात सिखाने पर तोता बेहद जल्दी उसे सीख लेता है। घर की पिंजरे में बैठकर मनुष्य की बोली बोलने वाला तोता एक अद्भुत पक्षी है।

रंगरूप व स्वभाव

तोता एक अनोखा पक्षी है। तोते का हरा रंग होता है, गले पर लाल रंग की पट्टी होती है, चोंच लाल होती है और पंख बेहद कोमल होते हैं। तोते का रंग रूप देखकर हर कोई आकर्षित हो जाता है। तोते को पाना बेहद आसान है, यह शाकाहारी पक्षी है। तोता मिर्च, फल आदि सब खाता है। मैं अपने तोते को बाजरा खिलाती हूं। घर के सदस्यों में तोता बेहद जल्दी घुल मिल जाता है।

प्राचीनतम पक्षी

तोता प्राचीन काल का पक्षी माना जाता है। प्राचीन काल के ऋषि-मुनि भी तोते को अधिक पसंद करते थे। प्राचीन काल से लोगों का प्रिय पक्षी रहने वाला तोता प्राचीन काल के राजा महाराजाओं द्वारा भी पाला जाता था। राज महल के अंदर पिंजरे में रहने वाला तोता सदा अपने राजा के गुण गाता था। यह भी कहा जाता था कि पंडित मंडन मिश्र के यहां तोता और मैना आपस में संस्कृत भाषा में वार्तालाप किया करते थे।

मैंने तोता खरीदा

एक बार मैं मेले गई थी। वहां से मैं एक बेहद प्यारा तोता खरीद कर लेकर आई। मैंने उसे अपने घर में पाला और उसका नाम ‘मिट्ठू’ रखा। आज मिट्ठू मेरा एक प्रिय मित्र जैसा बन गया है। जब भी मैं परेशान होती हूं तो मिट्ठू के पिंजरे के पास जाकर बैठ जाती हूं। मेरे प्रिय तोते मिट्ठू को देखकर मेरे मन को बड़ा संतोष मिलता है।

निष्कर्ष

ऐसा अद्भुत और अनोखा पक्षी तोता, मेरा प्रिय पक्षी है। यदि आप भी किसी पक्षी को अपने मित्र बनाना चाहते हैं तो तोता सबसे उचित पक्षी साबित होगा। वास्तव में तोता घर की शोभा बढ़ाता है।

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