जल शक्ति अभियान पर निबंध

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यह तो हम सभी जानते है कि पृथ्वी पर 70% पानी है। इतना पानी होने के बाबजूद भी भारत के कई ऐसे क्षेत्र है, जहां पर आज तक पानी नहीं पहुंच पाता है। लोग पानी की वजह से बेहाल रहते है। वहीं, भारत के कुछ ऐसे इलाके है, जहां पानी भरपूर मात्रा में लेकिन लोग पानी का दुरोपयोग काफी ज्यादा करते है। ऐसे में हमे जल शक्ति अभियान की काफी आवश्यकता है। आज हम इस लेख में जल शक्ति अभियान पर ही निबंध लिखेंगे।


जल शक्ति अभियान


जल शक्ति अभियान जल सुरक्षा को बढ़ाने की एक राष्ट्रव्यापी कोशिश है। एक जुलाई, 2019 से शुरू हुए जल शक्ति अभियान के तहत 256 जिलों में 5 लाख से अधिक जल संरक्षण इंफ्रास्ट्रक्चर बनाए जा चुके हैं। एक अनुमान के अनुसार जल शक्ति अभियान से 3.7 करोड़ लोग जुड़ चुके हैं और इसके तहत लगभग 12.3 करोड़ पौधे भी लगाए गए हैं। हाल ही में हुई एक समीक्षा बैठक में ये जानकारी दी गई। ऐसे में जल अभाव के राष्ट्रीय मुद्दे या फिर भारत में जल की समस्या का हल खोजने के लिए, जल शक्ति मंत्रालय और भारत सरकार ने जल संरक्षण, पुनर्स्थापन, पुनर्भरण और पुनः उपयोग पर अभियान चलाकर जल शक्ति अभियान शुरू किया हैं। बता दें, बहुत सारे राज्यों में इस तरह की समस्या आने पर केंद्र सरकार ने मुद्दे की महत्ता को समझते हुए योजना की शुरुआत की, जिसका नाम जल शक्ति अभियान- हर घर जल योजना

हर घर जल योजना की विशेषताएं


हर घर जल योजना की कई विशेषताएं है। इन विशेषताओं को अपनाकर हम जल को बचा सकते है। चलिए अब निम्नलिखित हर घर जल योजना की विशेषताओं के बारे में जानते है।

  1. जल अभाव को कम करना
    भारत एक ऐसा देश हैं, जहां जनसंख्या विस्फोट और बढ़ते औद्योगीकरण के कारण जल संसाधनों पर भारी विपरीत प्रभाव पड़ रही हैं। भारत के निवासी भूमिगत जल का ज्यादा प्रयोग करते थे उपयोग करते थे, लेकिन इनके संरक्षण का कोई उपाय नहीं किया गया था, इसलिए पर्यावणविदों और वैज्ञानिकों का कहना हैं कि यदि जल्द ही पानी को प्रदूषित होने से नहीं रोका गया तो जल के प्राकृतिक स्त्रोत पूर्ण तरीके से समाप्त हो सकते है।
  2. बरसात के पानी को किया जाएगा स्टोर
    केंद्र सरकार जल संरक्षण के लिए नए-नए रास्ते निकाल रही है। साथ ही बरसात के पानी को पूरे देश में संरक्षित करने पर जोर दिया जाएगा। साथ ही वनीकरण मतलब ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण से और वॉटर शेड सिस्टम से भी जल स्तर में वृद्धि की जाएगी।
  3. जलाशयों का पुनरुत्थान
    राज्य सरकार प्राकृतिक जलाशयों जैसे झील, तालाब, कुंए और नदियों का संरक्षण नहीं कर पा रही हैं, जबकि पर्यावर्णविदों ने कई बार इन जलाशयों में कम होते जल स्तर के बारे में राज्य सरकारों को चेतावनी दी है। यदि इन जलाशयों का सही तरीके से संरक्षण किया जाए तो जल की कमी को काफी हद तक कम किया जा सकता हैं। जलाशयों का उपयोग ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जला आपूर्ति में किया जा सकता हैं।
  4. खराब पानी का भी उपयोग करना
    असंक्रमित पानी का दोबारा से उपयोग करने की योजना भी काफी अच्छी है। यह योजना शहरी क्षेत्रों को ध्यान में रखकर तय की गई है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों को साथ मिलकर ज्यादा से ज्यादा जल के पुनर्चक्रण प्लांट पर काम करना होगा। इस तरह उपचारित पानी हानिकारक भी नहीं होगा और यह घरों तक सीधे पाइपलाइन की मदद से पहुंचाया जाएगा।
  5. किसानों को शिक्षा
    जब हमारे किसान जल संरक्षित को लेकर शिक्षित होंगे, तो वह इस योजना को अच्छे से समझेंगे और जल को बिना बर्बाद किए आधुनिक सिंचाई तकनीक को समझेंगे।

जल शक्ति अभियान का योजना बजट


सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में 1.95 करोड़ घर बनवाने का लक्ष्य निर्धारित किया हैं। साथ ही सबसे मुश्किल और महत्वकांक्षी लक्ष्य 2024 तक समस्त घरों को जल सप्लाई करना हैं। वित्त मंत्री ने जल शक्ति अभियान पर जोर देते हुए कहा कि हर घर जल कार्यक्रम पर फोकस करना जरुरी हैं, इसके लिए सरकार को पूरे भारत में जल की समस्या से जूझते 256 जिलों में से 1,592 ब्लॉक्स पहचानने होंगे।

निष्कर्ष


भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में जल की समस्या बहुत पुरानी हैं, मगर सरकार अब तक इस दिशा में कोई सही और बड़ा कदम नहीं उठा पा रही थी। भारत में आज भी करोड़ों लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं। पानी की कमी से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में जनता को सरकार द्वारा भेजे गए पानी के टैंक पर ही निर्भर रहना पड़ता हैं। ऐसे में अब सरकार घर-घर तक पानी पहुंचाने के कार्य में लगे है। हर मुद्दे के लिए हम सरकार को नहीं दोष दे सकते है। कुछ काम हम सभी को करने चाहिए। हम शहर में रहे या फिर ग्रामीणों क्षेत्रों में यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम पानी को बर्बाद न करें। जितने की हमें जरूरत है। हम उतना ही पानी यूज करें, ऐसा करने से कभी-भी पानी की कमी नहीं होगी।

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