इंटरनेट के दुरुपयोग पर निबंध (300 शब्द)
प्रस्तावना
वर्ल्ड वाइड वेब, जिसे इंटरनेट कहा जाता है, 1960 के दशक में आया था और इसका मुख्य रूप से शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों के लिए उपयोग किया गया था। लेकिन 1990 के दशक से, इंटरनेट का हमारे समाज में संस्कृति और वाणिज्य पर क्रांतिकारी प्रभाव पड़ा है। इसमें ईमेल द्वारा संचार, इंस्टेंट मैसेजिंग और इंटरनेट फोन कॉल शामिल हैं। इसके अलावा, चर्चा मंचों, सोशल नेटवर्किंग साइटों और ऑनलाइन शॉपिंग साइटों के साथ वर्ल्ड वाइड वेब भी है, जिसका लोग पीढ़ीगत मतभेदों के बावजूद अपने फायदे के लिए उपयोग करते हैं।
इंटरनेट की नकारात्मकता
अब, इंटरनेट, अपनी स्थापना के बाद से, दुनिया की सबसे क्रांतिकारी तकनीक में से एक बना हुआ है। इसके सकारात्मक होने के बावजूद, कई नकारात्मक हैं और विनाश ने समाज में बच्चों के लिए अच्छे से ज्यादा नुकसान किया है। इंटरनेट एक गंभीर विषय है, जहां आमतौर पर नुकसान की अनदेखी की जाती है। इंटरनेट युवाओं के सामाजिक कौशल को कम करके, खराब आदतों को जन्म देकर और भाषा कौशल को कमजोर करके युवाओं पर हानिकारक प्रभाव को बढ़ावा देता है।
इंटरनेट का छात्रों पर बुरा प्रभाव
इंटरनेट यूं तो एक बेहद कारगर साबित होने वाली युक्ति है लेकिन इसके बावजूद छात्रों के जीवन पर इसका बेहद बुरा प्रभाव पड़ रहा है। आज के समय में इंटरनेट का दुरुपयोग करके छात्र अपने विद्यार्थी जीवन को बर्बाद कर रहे हैं। सोशल मीडिया के लगातार प्रयोग करने से विद्यार्थी अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। किशोरावस्था में ग्लैमर की चकाचौंध से बच्चे पढ़ाई से अपना रुख मोड़ लेते हैं।अच्छी तस्वीरें और अच्छे गाने पर नाचना गाना यह सब बच्चों का विद्यार्थी जीवन छीन रहा है। इंटरनेट की खुली छूट आज विद्यार्थी की पढ़ाई में बाधा साबित होती है। आज बेहद आवश्यक है कि हम अपने बच्चों को इंटरनेट का सदुपयोग करना सिखाए।
निष्कर्ष
इंटरनेट, अपनी सामाजिक उन्नति के बावजूद, बच्चों के सामाजिक कौशल पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। बच्चों के साथ समाजीकरण अपने आप में बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकता है और बच्चे इंटरनेट पर जितने घंटे बिताते हैं, वह इन कठिनाइयों को कम नहीं करता है। वास्तव में, इसका उनके सामाजिक कौशल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
इंटरनेट के दुरुपयोग पर निबंध (500 शब्द)
प्रस्तावना
वर्तमान समय में इंटरनेट सभी के जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर चुका है। इंटरनेट के बिना हर किसी का जीवन अधूरा है। जीवन ही नहीं कार्य से जुड़े हर क्षेत्र में इंटरनेट का बढ़-चढ़कर प्रयोग किया जा रहा है। लेकिन जिस प्रकार हर चीज की अच्छाई और बुराई होती है। उसी प्रकार इंटरनेट का भी अपना एक सदुपयोग और दुरुपयोग होता है। हालांकि इंटरनेट का सदुपयोग आपके जीवन में कई बड़े बदलाव ला सकता है। लेकिन इसके अतिरिक्त इसका दुरुपयोग आपके जीवन को बर्बाद कर सकता है।
वर्तमान में इंटरनेट की भूमिका
इंटरनेट दुनिया में सबसे उन्नत आविष्कारों में से एक बन गया है। इन परिवर्तनों के कारण, मनुष्य ने गतिविधियों, ऑनलाइन संबंधों और व्यक्तिगत लाभों पर निर्भरता हासिल कर ली है, जो इंटरनेट उन्हें पुरस्कृत करता है। लेकिन इंटरनेट की लत जीवन को बहुत नकारात्मक तरीके से प्रभावित कर रही है।
आज, इसका उपयोग रोजमर्रा की गतिविधियों को पूरा करने के लिए किया जाता है। इस उन्नत आविष्कार का उपयोग इस दुनिया में हम जो कुछ भी करते हैं, उसके लिए किया जाता है। परिवहन, संचार और सूचना सभी आमतौर पर इंटरनेट से प्राप्त किए जाते हैं। वर्षों से, इसके विकास ने कई लोगों के जीवन को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है।
इंटरनेट की नकारात्मक प्रभाविकता
इंटरनेट अपने आप में उतना ही बदल रहा है जितना इंसान के जीवन में परिवर्तन हो रहा है। हाई स्कूल में किशोर सोशल मीडिया के आदी हैं कि उनके ग्रेड गिर रहे हैं। इंटरनेट जहां हमारे जीवन के कुछ पहलुओं के लिए उपयोगी हो सकता है, वहीं आज के युवाओं पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
ऐसा लगता है जैसे रोजमर्रा की तकनीक हमारे जीवन को सरल बनाने के लिए आगे बढ़ रही है। जैसे-जैसे यह हमारी सहायता के लिए आगे बढ़ रहा है, यह हमारे जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं से दूर होता जा रहा है। आज के समाज में हम आमने-सामने संचार के बजाय अधिक आभासी संचार करते हैं। यह इंटरनेट और सोशल मीडिया के कारण है, जो हमें कई अलग-अलग ऐप स्रोतों के साथ संवाद करने की इजाजत देता है।
इंटरनेट का वास्तविक उपयोग
इंटरनेट का आविष्कार एक सरल तंत्र है। हालांकि वर्षों से यह हर चीज के लिए सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली युक्ति के रूप में विकसित हुआ है। यह तकनीक एक ऐसी चीज के रूप में शुरू हुई जिसका वास्तव में किसी का कोई उपयोग नहीं था और फिर ऐसी चीज में तब्दील हो गई जिसके बिना अब कोई भी नहीं रह पाएगा। इसे पहली बार कंप्यूटर विज्ञान प्रयोगशालाओं में रक्षात्मक कारणों से उपयोग करने के लिए विकसित किया गया था।
निष्कर्ष
वर्तमान समय में जिस प्रकार दीमक की भांति बच्चों का दिमाग इंटरनेट खाता जा रहा है। ऐसे में आवश्यकता है कि माता-पिता अपने बच्चों को इंटरनेट से दूर रखने का प्रयास करें। इंटरनेट देखा जाए तो बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं है। इसके अतिरिक्त यदि आप उन्हें इंटरनेट का उपयोग करने की इजाजत देते भी हैं तो उसके लिए एक समय सीमा बांधनी चाहिए। इसी प्रकार आप अपने बच्चों का भविष्य इंटरनेट के श्राप से बचा सकते हैं। हालांकि इंटरनेट कई जगहों पर उपयोगी भी है, लेकिन आज आवश्यकता है कि इंटरनेट के दुरुपयोग को त्याग कर हम सदुपयोग की ओर अग्रसर हो।