हनुमान जयंती पर निबंध

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आज हम आपको कलयुग के अमर देवता हनुमान जी के विषय में एक निबंध प्रस्तुत करने जा रहे हैं।हिंदू धर्म के अनुसार हनुमान जी का जन्म दिवस हर वर्ष मनाया जाता है जिसे हनुमान जयंती कहा जाता है आज हम हनुमान जयंती विषय पर ही आपके लिए एक निबंध लेकर आएं हैं।इस निबंध के माध्यम से आपको हनुमान जयंती के विषय में संपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी।

आइए जानते हैं, हनुमान जयंती पर निबंध..

प्रस्तावना

देवताओं में शिरोमणि, अतुलित बल के धाम हनुमान जी सर्व जगत में पूजनीय है। उनके बल तथा यश का लेख हिंदू पुराणों में साफ-साफ लिखा हुआ है। श्री राम की भक्ति में लीन रहने वाले अंजनी पुत्र के लाला हनुमान जी भारत और नेपाल के लोकप्रिय हिन्दू देवताओं में से एक हैं। जिनके जन्मदिवस को हनुमान जयंती के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है।

कब मनाई जाती है हनुमान जयंती

भगवान हनुमान के जन्म को लेकर मुख्य रूप से दो अवधारणायें मौजूद हैं। एक समूह का मानना​​ है कि भगवान हनुमान जी का जन्म हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र महीने में पूर्णिमा के दिन हुआ था। इसलिए वे इस दिन को हनुमान जयंती के रूप में मनाते हैं।

वहीं, एक अन्य समूह का मानना ​​है कि भगवान हनुमान का जन्म अश्विन महीने के पखवाड़े के चौदहवें दिन (चतुर्दशी) को हुआ था जो आमतौर पर दिसंबर महीने के आसपास आता है।

तमिलनाडु जैसे दक्षिण भारत के राज्य में हनुमान जयंती उनके वास्तविक जन्म के दिन नहीं बल्कि उस दिन मनाई जाती है, जिस दिन हनुमान जी, भगवान राम से मिले थे। इस प्रकार हनुमान जयंती किसी भी समूह के मुताबिक मनाई जाए, हनुमान जी का नाम लेने से भक्तों का उद्धार हो जाता है।

हनुमान जयंती पर विशेष

हनुमान जयंती पर विभिन्न प्रकार के रीति-रिवाजों को निभाया जाता है। हनुमान जी की जयंती मनाने के लिए सभी रस्में भोर से ही शुरू हो जाते हैं। मंदिरों में विशेष रूप से हनुमान जी का स्नान कराया जाता है उनको नव वस्त्र पहना कर उनका तिलक इत्यादि कराया जाता है।हनुमान जयंती के दिन हनुमानजी के भक्त उपवास रखते हैं और पूरा दिन हनुमान जी का गुणगान करते हैं।

हनुमान जयंती पर लोग विशेष तौर पर सभी लोग हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। इसके साथ ही कई जगहों पर सुंदरकांड और बजरंग बाण का पाठ भी पूरी श्रद्धा व अराधना से किया जाता है। इस दिन समस्त हनुमानजी के मंदिरों को सजाया जाता है और वहां पूजा अर्चना की जाती है।

हनुमान जयंती के लाभ

हनुमान जयंती की जन्मोत्सव को मनाने का यह लाभ होता है कि इस दिन हम विशेष तौर पर हनुमान जी के नाम का गुणगान कर लेते हैं। हनुमान जी ने जब धरती पर अपना जन्म लिया तो उनका एकमात्र उद्देश्य श्री राम की भक्ति रही। जिस कारण जब हनुमान जी ने अपना रूप धारण किया तो उनको बेहद प्रसन्नता हुई। इस दिन हनुमान जी के साथ ही श्री राम जी की भी पूजा अर्चना की जाती है। जिसके चलते भक्तों को श्री राम और हनुमान जी दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

निष्कर्ष

हनुमान जयंती एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो अनादि काल से मनाया जा रहा है और अनंत काल तक मनाया जाएगा। प्रत्येक हिंदू व्यक्ति का यह कर्तव्य बनता है कि वह इस दिन को धूमधाम से मनाएं और हनुमान जी के गुणगान गाता रहे।

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