पर्यावरण का हमारे जीवन में बेहद महत्व है। पर्यावरण को साफ और स्वच्छ रखना हमारी ही जिम्मेदारी है। पर्यावरण ने हमे जीवन जीने के लिए वो सभी उपयोगी चीजें हमें उपहार के रुप में दी है। आज हम इस लेख में पर्यावरण पर निबंध लिखकर जानकारी साझा करेंगे।
पर्यावरण का अर्थ
पर्यावरण शब्द मुख्य रूप से 2 शब्दों से मिलकर बना है, परि+आवरण… परि का अर्थ है चारों ओर और आवरण का मतलब है ढका हुआ यानि कि चारों ओर से घेरा हुआ। दूसरे शब्दों में कहे तो ऐसा वातावरण, जिससे हम चारों ओर से घिरे हुए हैं, वह पर्यावरण कहलाता है।
हवा, पानी, रोशनी, भूमि, अग्नि, पेड़-पौधे, प्राकृतिक वनस्पतियां आदि सभी चीजें हमें पर्यावरण से मिली है। हमारा जीवन और हम पूरी तरह से पर्यावरण पर निर्भर हैं। लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने और प्राकृतिक पर्यावरण के महत्व को समझाने के लिए हर साल दुनिया भर के लोग 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाते हैं।
पर्यावरण के प्रकार
पर्यावरण के प्रकार निम्नलिखित है:-
1- प्राकृतिक पर्यावरण
2- मानव निर्मित पर्यावरण
3- भौतिक पर्यावरण
4- जैविक पर्यावरण
- प्राकृतिक पर्यावरण
प्राकृति पर्यावरण… पर्यावरण का वो भाग है, जो कि प्रकृति से हमें वरदान के रूप में मिला है। इसमें जैविक और अजैविक दोनों चीज़े मौजूद होती हैं। जैविक चीजों में मनुष्य, पेड़-पौधे, जीव-जंतु आदि आते है। और अजैविक चीजों में जल, तापमान, हवा, तालाब, नदी, महासागर आदि कई चीजे शामिल है।
- मानव निर्मित पर्यावरण
मनुष्य अपनी शिक्षा और ज्ञान के बल से विज्ञान और तकनीक की मदद से भौतिक पर्यावरण के साथ क्रिया कर, नए परिवेश का निर्माण करता है, उसे ही हम मानव निर्मित पर्यावरण कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहे तो मानव द्वारा बनाई गई चीज़ों को मानव निर्मित कहते है। जैसे- उद्योग, शैक्षणिक संस्थाएँ, अधिवास, कारखाने, यातायात के साधन, वन, उद्यान, श्मशान, कब्रिस्तान, मनोरंजन स्थल, शहर, कस्बा, खेत, कृत्रिम झील, बांध, इमारतें आदि चीजे शामिल है।
- भौतिक पर्यावरण
भौतिक पर्यावरण पर प्रकृति का ही बस चलता है। इस पर्यावरण में मानव का किसी भी तरह का कोई रोल नहीं होता है। इसमें जलमंडल, स्थलमंडल और वायुमंडल का अध्ययन किया जाना, स्थलरूप, जलीय भाग, जलवायु, मृदा, शैल आदि चीजे शामिल है।
- जैविक पर्यावरण
जैविक पर्यावरण वो कहलाता है, जो मानव और जीव-जंतुओं के मिलकर एक-दूसरे की मदद से पर्यावरण का निर्माण किया है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जिस वजह से वह सामाजिक, भौतिक और आर्थिक गतिविधियों से जुड़ा रहता है। इन सभी के बीच जो संबंध होता है, वह परिस्थिति जैविक पर्यावरण कहलाती है। इसके अंतर्गत पेड़-पौधे, जीव-जन्तु, सूक्ष्म जीव, मानव आदि का अध्ययन शामिल है।
पर्यावरण का महत्व
हम और हमारा जीवन पर्यावरण से ही है। जीवन जीने के लिए पर्यावरण का हमारे जीवन में बहुत महत्व है, क्योंकि पृथ्वी पर जीवन, पर्यावरण से ही संभव है। मनुष्य हो या जीव-जंतु या प्राकृतिक वनस्पतियां सभी पर्यावरण के अंतर्गत ही आते है। पर्यावरण जीवन के लिए आवश्यक सभी वस्तुएं उपलब्ध करवाता है।
पर्यावरण प्रदूषण
विज्ञान की उन्नति तकनीक मनुष्य और देश दोनों के लिए ही बेदह खास है, लेकिन इसका असर पर्यावरण पर पड़ रहा है और जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न कर रहा है। उद्योंगों से निकलने वाला धुआं और दूषित पदार्थ से कई तरह के प्रदूषण पनप रहे है और वह हमारे पर्यावरण के लिए खतरा पैदा कर रहे है। पर्यावरण खतरे में गया तो हमारा जीवन भी अंधकार में चला जाएगा।
सामाजिक, शारीरिक, आर्थिक, भावनात्मक और बौद्धिक रूप से पर्यावरण प्रदूषण हमारे दैनिक जीवन के कई हिस्सों को प्रभावित कर रहा है। अगर पर्यावरण का वातावरण प्रदूषित रहेगा, तो वातावरण में कई बीमारियां उत्पन्न होगी, जिसका असर मनुष्य पर पड़ेगा और हो सकता है प्रदूषण के चलते मृत्यु दरे और भी ज्यादा तेज होने लगेगी। अगर इस समस्या का निवारण पूरी तरह से नहीं किया गया, तो एक दिन पृथ्वी पर ऐसा आएगा कि जीवन का अस्तित्व ही नहीं रहेगा।
पर्यावरण संरक्षण के उपाय
1- उद्योगों से निकलने वाला दूषित पदार्थ और धुएं का सही तरीके से निस्तारण करना चाहिए।
2- पर्यावरण की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
3- पर्यावरण को बचाना है, तो ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाना चाहिए।
4- आजकल जो पेड़ों की अंधाधुंध कटाई चल रही है, उस पर रोक लगानी चाहिए।
5- वाहनों का इस्तेमाल फालतू में नहीं करना चाहिए, जरूरत के समय ही वाहन का प्रयोग करें।