स्मार्ट वर्क v/s हार्ड वर्क में अंतर पर निबंध

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दोस्तों, आपने अक्सर लोगों से सुना होगा कि आज का जमाना स्मार्ट वर्क का है, हार्ड वर्क का नहीं। दरअसल मानव सभ्यता के विकास के साथ साथ मानव ने अपने कार्यों को सरल करने के लिए भी कई विकास किए हैं। तो आज हम इस विकास की शुरुआत में किए जाने वाले हार्ड वर्क और वर्तमान की जरूरत स्मार्ट वर्क के बारे में अपने इस आर्टिकल के जरिए बताने वाले हैं।

आज हम आपको स्मार्ट वर्क और हार्ड वर्क में क्या श्रेष्ठ है इस विषय पर निबंध प्रस्तुत करने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं,

प्रस्तावना

हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क आज का सबसे चर्चित विषय है। दरअसल आज के समय में हार्ड वर्क से ज्यादा स्मार्ट वर्क पर ध्यान दिया जाता है। लोग कड़ी मेहनत की जगह काम की सरलता पर अधिक ध्यान देते हैं। यदि हम इन दोनों के अंदर की बात करें तो इन दोनों विश्व के अलग-अलग तर्क हैं। जो विशेष कौशल अथवा परिस्थितियों के आधार पर प्राप्त किए जा सकते हैं।

हार्ड वर्क

हार्ड वर्क का अर्थ होता है ऐसा कार्य जिसमें आप मेहनत शारीरिक रूप से कर रहे हो। इस हार्ड वर्क में आपकी मेहनत दुगनी लगती है। इसमें आपके कार्यों के घंटे भी अधिक होते हैं। साथ ही इस कार्य को निपटाने में समय भी लगता है। यह कार्य करने की एक प्राचीन पद्धति कही जा सकती है। मानव सभ्यता के विकास से पहले भी लोग अपने शारीरिक श्रम अथवा मजदूरी के साथ अपना जीवन यापन किया करते थे। आज भी अधिकतर क्षेत्रों में मजदूरों को हार्ड वर्क करना पड़ता है।

स्मार्ट वर्क

स्मार्ट वर्क से तात्पर्य ऐसे कार्य से है जिसमें आप समय और गुणवत्ता दोनों का प्रबंधन करते हैं। इस स्मार्ट वर्क में आप किसी भी कार्य को करने के लिए प्रभावी और कुशल तरीका खोज लेते हैं। गाड़ी को पूरा करने के लिए स्मार्ट वर्क में प्रभावी तरीके खोजे जाते हैं। इन कार्यों में शारीरिक मेहनत कम लगती है। साथ ही यह कार्य हार्ड वर्क की अपेक्षा जल्दी पूरे कर लिए जाते हैं।

हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क में अंतर

हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क में सबसे बड़ा अंतर यह है कि हार्ड वर्क में आपको दूसरों के दिशा-निर्देशों पर कार्य करना होता है, लेकिन स्मार्ट वर्क में आपकी कुशलता, ज्ञान व कौशल महत्वपूर्ण माना जाता है। वर्तमान समय में हार्ड वर्क करने वालों की संख्या अधिक है। लेकिन समय के साथ स्मार्ट वर्क करने वालों की भी तादाद बढ़ती जा रही है। हार्ड वर्क में आप जितनी मेहनत करते हैं उसके अनुरूप आपको प्रतिफल मिलना मुश्किल होता है लेकिन स्मार्ट वर्क में आपके कार्य के अनुसार प्रति फल मिलता है। हम कह सकते हैं कि स्मार्ट वर्क और हार्ड वर्क योग्यताओं के आधार पर प्राप्त किया जा सकता है।

निष्कर्ष

निसंदेह आज के समय में स्मार्ट वर्क जरूरी हो गया है। स्मार्ट वर्क के क्षेत्र में प्रगति करना आवश्यक हो चुका है। लेकिन ऐसे में जो लोग स्मार्ट वर्क करने की योग्यता नहीं रखते हैं अथवा जिनके अंदर स्मार्ट वर्क करने की क्षमता ही नहीं है उनके जीवन यापन को काफी ठेस पहुंच रही है। लेकिन कुशल उद्यमिता में स्मार्ट वर्क और हार्ड वर्क के बीच संतुलन स्थापित कर लिया जाता है।

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