अंबेडकर जयंती पर निबंध

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भारतीय संविधान के निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर आज हम आपके लिए निबंध प्रस्तुत करने जा रहे हैं। इस निबंध के माध्यम से आपको अंबेडकर जी के जीवन और उनके मार्गदर्शन तथा उन्नत कार्यों के प्रति संपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी।

आइए जानते हैं डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती विषय पर निबंध….

प्रस्तावना

भारतीय संविधान के रचयिता डॉ भीमराव अंबेडकर देश के महान व्यक्तित्वों में से एक हैं। समरसता तथा ज्ञान का प्रतीक माने जाने वाले डॉ भीमराव अंबेडकर जी को पूरी दुनिया पूजती है। भारत के साथ ही विश्व भर के कई देशों में अंबेडकर जयंती मनाई जाती है। डॉ भीमराव अंबेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल के दिन हुआ था। इसी कारण हर वर्ष इसी दिन भीमराव जी की जयंती मनाई जाती है।

प्रारंभिक जीवन

एक दलित परिवार से ताल्लुक रखने वाले डॉ. अंबेडकर ने अपने बचपन में भी कई यातनाएं झेली थीं जिनका गहरा असर उनके व्यक्तित्व पर भी पड़ा। जिसके चलते उन्होंने कम उम्र में ही देश से जाति प्रथा जैसी कुव्यवस्था को हटाने के लिए भी तमाम आंदोलन शुरू कर दिया थे।

अंबेडकर एक बुद्धिमान छात्र थे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों में अर्थशास्त्र से डायरेक्ट की उपाधि प्राप्त। भारतीय संविधान के निर्माण की अवधारणा में अंबेडकर की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण रही है।

अंबेडकर जी द्वारा समाज के प्रति योगदान

अंबेडकर जी ने जातिवाद के खिलाफ और भेदभाव के खिलाफ कई प्रकार के आंदोलन किए।निम्न जाति वर्ग को सम्मान दिलाने में अंबेडकर जी ने मुख्य भूमिका निभाई।जिस कारण निम्न जाति के लोगों के लिए अंबेडकर जी आज भी भगवान स्वरूप हैं।अंबेडकर जी का समाज में एकमात्र उद्देश्य प्रत्येक सदस्यों के बीच जाति और भेदभाव को दूर करके समानता और संतुष्टि की भावना को पैदा करना था।

डॉ भीमराव अंबेडकर जी की जयंती

अम्बेडकर जी की पहली जयन्ती 14 अप्रैल 1928 में पुणे नगर में सदाशिव रणपिसे द्वारा मनाई गई थी। रणपिसे अम्बेडकर जी के एक अनुयायी थे। उनके द्वारा ही अम्बेडकर जयन्ती की प्रथा शुरू की गई थी। पहली बार भीम जयन्ती के अवसर पर बाबा साहेब की प्रतिमा हाथी के अम्बारी में रखकर रथ से, ऊट के उपर कई दूर तक निकाली गई थी।

अंबेडकर जयंती कैसे मनाई जाती है?

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को मनाई जाती है। इस दिन अधिकांश सरकारी विभागों में सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की जाती है। वहीं दूसरी ओर विद्यालयों तथा महाविद्यालयों में अंबेडकर जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। इस दिन अंबेडकर जयंती के उपलक्ष में रैलियां निकाली जाती है कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिसमें अंबेडकर जी को समर्पित कई कविताएं और स्लोगन बोले जाते हैं।

निष्कर्ष

अम्बेडकर जयंती एक इतिहासकार, शिक्षक, लेखक, संपादक मानव विज्ञानी और वक्ता थे। यह एक महान व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे, वे अपने आस-पास के लोगों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहा करते थे, ऐसे हमारे महान राजनीतिक नेता के अच्छे कर्मों को याद तथा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए अंबेडकर जयंती को हर वर्ष मनाया जाता है।

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