कोरोना वैक्सीन जागरूकता पर निबंध

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covid-19 vaccine☣ -कोरोना वैक्सीन जागरूकता अभियान पर निबंध

प्रस्तावना: दुनियाभर में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए टीकाकरण का अभियान शुरू कर दिया गया है। जिसमें से ब्रिटेन ऐसा पहला देश है जिसने कोविड वैक्सीन कार्यक्रम की शुरुआत की है। रूस ने अपने देश में ही कोरोना वैक्सीन का निर्माण किया है, जिसका नाम स्पूतनिक-5 रखा गया है। इसके साथ ही भारत में भी इस वायरस पर रोक लगाने के लिए दो प्रकार के टीके लगाए जा रहे है। जिनमें से एक कोविशील्ड(Covishield) एवं दूसरी कोवैक्सीन() है।
सीडीसी के अनुसार, टीकाकरण का यह प्रयास ही कोरोना महामारी से निपटने का एक महत्वपूर्ण जरिया है।

कोरोना वैक्सीन क्या है?

कोरोना वैक्सीन शरीर में पहुंच के शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम यानी रोग प्रतिरक्षा तंत्र को प्रभावित करता है। यह शरीर में उपस्थित हानिकारक वायरस की पहचान करता है तथा वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण करता है। दुनिया के अधिकतर देशों ने कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए वैक्सीन निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है। फाइज़र द्वारा निर्मित कोविड वैक्सीन कोरोना महामारी के समक्ष 95% कारगर साबित हुई है। भारत के भारतीय दवा नियामक द्वारा फाइज़र दवा कंपनी की कोरोना वैक्सीन प्राप्त करने के लिए अनुमति दी गई है।

Covid 19 कोरोना वैक्सीन अभियान-

भारत में कोविड वैक्सीन के अभियान का तीसरा चरण शुरू हो चुका है। इससे पूर्व पहले चरण कि शुरुआत 16 जनवरी 2021 से हो गई थी। जिसमे स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित कार्यकर्ताओं का टीकाकरण करने की प्राथमिकता दी गई। इसके पश्चात 1 मार्च 2021 से इस अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की गई। जिसमें 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्तियों को वैक्सीन लगाने का कार्य आरंभ किया गया। वर्तमान में कोरोना वैक्सीन के अभियान का तीसरा चरण 1 मई से शुरू हुआ है जिसमें 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्तियों को वैक्सीन लगाई जाएगी।

भारत में दो कोविड वैक्सीन का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। पहली कोवैक्सीन तथा दूसरी कोविशील्ड हैं। इस अभियान के दौरान एक ही वैक्सीन की दो डोज लगाई जा रही है। दोनों डोजों के बीच में 5-6 हफ्तों का समय निर्धारित किया गया है। कोरोना वैक्सीन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है। इसमें रजिस्ट्रेशन कराने वाले लाभार्थी को उसके रजिस्टर मोबाइल नंबर पर एस एम एस के माध्यम टीकाकरण कराने की निर्धारित तिथि, स्थान व समय के विषय में उचित जानकारी प्रदान की जाएगी।

टीकाकरण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए, सरकार ने CoWIN नामक एक एप्लिकेशन भी विकसित की है, जो कोविड -19 वैक्सीन लाभार्थियों के लिए  वैक्सीन स्टॉक, भंडारण और व्यक्तिगत ट्रैकिंग की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने में मददगार साबित हो रही है।

कोरोना वैक्सीन के प्रति देश में जागरूकता –

अमेरिका के सी डी सी ( सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) के मुताबिक, वैक्सीन बहुत शक्तिशाली होती है। यह बीमारी का इलाज नहीं करती बल्कि उन्हें प्रभाव को बढ़ने से रोकती है। इसी कारण कोरोना वायरस की इस भयावह स्थिति में कोरोना वैक्सीन लगवाना अनिवार्य हो गया है। देश में वैक्सीन के प्रति जागरूकता को लेकर सकारात्मकता के साथ नकारात्मक विचारों को भी स्थान मिल रहा है। वैक्सीन लगवाने के बाद उनमे वैक्सीन के आंशिक साइड इफेक्ट्स देखे जा रहे है। जिनमें बुखार व गले की खराश सामान्य लक्षण हैं। परंतु वैक्सीन के दुष्प्रभाव को रोकने में सहायता हेतु विभिन्न प्रकार के हेल्पलाइन नंबर जनता में जारी कर दिए गए हैं।

कोरोना वायरस की वैक्सीन को सरकार द्वार अभी कानूनी रूप से लगवाना अनिवार्य नहीं किया गया है। यह जनता की इच्छा पर आधारित है परन्तु कोरोना वायरस की महामारी से स्वयं को व अपने प्रियजनों को सुरक्षित करने के लिए कोरोना वैक्सीन लगवाना आवश्यक हो जाता है। कोविड -19 के लिए टीकाकरण भारत में स्वैच्छिक है। यह लोगों को इस बीमारी से बचाने का एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है। टीके हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ काम करके बीमारियों के जोखिम को कम करते हैं।

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