आप सभी ने बेहद ही मशहूर खेल वॉलीबॉल का नाम अवश्य सुना होगा। आज हम अपने लेख के माध्यम से इसी खेल पर यानि कि वॉलीबॉल खेल पर निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। इस निबंध में आपको वॉलीबॉल से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी।
आइए जानते हैं….
“वॉलीबॉल खेल पर निबंध”
प्रस्तावना: वॉलीबॉल अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खेले जाना वाला खेल है। जो कि दो टीमों के मध्य खेला जाता है। दो टीमों के मध्य वॉलीबॉल खेलने के लिए कोर्ट को एक जाल से दो भागों में विभाजित किया जाता है। वॉलीबॉल एक ऐसा खेल है, जिसमें अत्यधिक धन खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती। आप इस खेल का अभ्यास अपनी टीम के साथ किसी भी समतल मैदान में जाकर कर सकते हैं। जहां आपको मैदान के चारों ओर समान सेंटीमीटर से लाइन बनाते हुए कोर्ट बनाना होता है।
इसके पश्चात् कोर्ट को सेंटर लाइन द्वारा दो भागों में बांट दिया जाता है। इस लाइन से 3 मीटर की दूरी पर दो पैरेर लाइन खींची जाती है। जिसे अटैक लाइन कहा जाता है। इस प्रकार एक सर्विस लाइन खींची जाती है जहां से खिलाड़ी सर्विस करता है।
वॉलीबॉल खेल का इतिहास: इतिहास के पन्नों वॉलीबॉल खेल की शुरुआत अमेरिका से मानी जाती है। इस प्रकार सन् 1895 में वॉलीबॉल खेल की उत्पत्ति अमेरिका से हुई थी। इस खेल के जनक के रूप में विलियम मार्गन का नाम उल्लेखित है। आधुनिक समय में वॉलीबॉल एक ओलंपिक खेल है। वॉलीबॉल को ओलंपिक खेल के रूप में उपलब्धि 1964 में मिली थी।
इसी वर्ष टोक्यो ओलंपिक में वॉलीबॉल खेल को सम्मिलित किया गया था। छोटे स्तर पर खेले जाना वाला यह खेल धीरे धीरे उच्च स्तर की ओर आगे बढ़ता गया। वॉलीबॉल खेल की एशियन तथा महाद्वीपीय स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित होती है। इसके साथ ही वॉलीबॉल खेल की वर्ल्ड चैंपियनशिप भी शुरू कर दी गई। जिसने आज वॉलीबॉल खेल को व्यापक स्तर पर अग्रसर कर दिया है।
1947 में भारत की आजादी के बाद इसकी इंटरनेशनल संस्था बनाई गई थी। भारत में वॉलीबॉल को एशियन गेम्स के रुप में 1951 में शुरू कर दिया गया था।
वॉलीबॉल खेल के नियम:
• वॉलीबॉल खेल में दो टीम का होना आवश्यक होता है। प्रत्येक टीम में 6-6 खिलाड़ी खेल खेलते हैं।
• दोनों टीमों में प्रतिस्पर्धा के समय 12-12 खिलाड़ी होते है। लेकिन मैदान में 6 -6 करके उतरते हैं। शेष खिलाड़ी को बदलने के लिए रोका जाता है।
• इस खेल में सभी खिलाड़ी आधी बाजू की टी शर्ट, नेकर, जूते तथा मोजे पहनकर मैदान में उतरते हैं।
• इस खेल के दौरान रेफरी को अंगूठी पहनने की अनुमति नहीं दी जाती।
• खेल के मैदान में उतरते से पहले प्रत्येक खिलाड़ी के हाथों की जांच की जाती है।
• यह खेल सर्विस के साथ शुरू होता है।
खेलने का तरीका: इस खेल के अन्तर्गत विभाजित कोर्ट में एक जाल दो टीमों को बांटने के लिए लगाया जाता है। खेल का मुख्य उद्देश्य टीम द्वारा जाल के ऊपर से अपने प्रतिद्वंदी के पाले में गेंद को पहुंचाना होता है। साथ ही गेंद को प्रतिद्वंदी के पाले की जमीन से लगाने का प्रयास करना होता है। दूसरे प्रतिद्वंदी को यह प्रयास रोकना होता है। उसे अपने पाले में गेंद को जमीन से लगने से रोकना होता है।
इसके अतिरिक्त, जब तक गेंद जमीन पर गिरती नहीं है या खेल के पाले से बाहर नहीं हो जाती तब तक रैली चलती रहती है। रैली जीतने वाली टीम को रैली अंक प्रणाली के तहत एक अंक प्राप्त होता है। रैली जीतने वाली टीम को अंक के साथ ही सर्विस करने का मौका प्राप्त होता है। वॉलीबॉल खेल में गेंद को मारने के भी तीन मुख्य तरीके होते हैं – बंप, सेट और स्पनाइक।
निष्कर्ष: गांव, कस्बों से आगे बढ़ते हुए वॉलीबॉल खेल की लोकप्रियता ने अन्तर्राष्ट्रीय खेलों में अपनी जगह बना ली। आज यह खेल दुनिया के सर्वाधिक लोगों के बीच पसंदीदा खेल बन चुका है। साथ ही इस खेल ने खिलाड़ियों के खेल करियर को बेहतरीन रूप से संवारा है। जिनमें से कुछ प्रसिद्ध तथा सफल भारतीय वॉलीबॉल खिलाड़ी निम्न हैं – जिमी जॉर्ज, ए पलानीसामी इत्यादि।