धूम्रपान पर प्रतिबंध हिंदी निबंध |
Hindi Essay on Smoking ban |
धूम्रपान निषेध पर निबंध
प्रस्तावना
धूम्रपान एक बुरी लत है जो ना जाने हर वर्ष कितने लोगो की जान ले लेती है। धूम्रपान जैसा कि हम सब जानते है यह हमारे शरीर के लिए खतरनाक है और धीरे धीरे यह व्यक्ति को मौत के मुंह तक ले जाती है। सरकार नागरिको के स्वास्थ्य को गंभीरता से ले रही है। यही वजह है कि सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को निषेध किया गया है। यह सरकार ने बिलकुल सही किया है। लोग अपनी बुरी आदत को छोड़ नहीं पाते है और कहीं भी सिगरेट पीने लगते है। सिगरेट से जहरीली गैस निकलती है जो फेफड़ो के लिए सही नहीं है। इससे दिल और फेफड़ो पर बुरा असर पड़ता है। सरकार अब धूम्रपान पर प्रतिबंध लगा रही है।
सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ज़्यादातर लोगो को कम उम्र से ही सिगरेट पीने की बुरी लत लग जाती है और छूटती नहीं है। लोग एक दिन में कई सारे सिगरेट पी जाते है जो बिलकुल गलत और अनुचित है। इससे ना केवल इंसान खुद को तकलीफ पहुंचता है बल्कि आस पास के लोगो को भी सिगरेट के धुंए से मुश्किल में डालता है।
धूम्रपान दुनिया के प्रमुख जानलेवा समस्याओं में से एक है। धूम्रपान का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव कैंसर है। फेफड़ों के कैंसर से मरने का खतरा पुरुषों के लिए 22 गुना अधिक है और महिला धूम्रपान करने वालों के लिए 12 गुना से भी अधिक है। इसके अतिरिक्त, धूम्रपान करने वालों को गले , किडनी , ब्लैडर और पैंक्रियास के कैंसर का खतरा लगा रहता है।
सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाकर लोगो को जागरूक करने की चेष्टा की जा रही है। प्रत्येक इंसान को एक सुव्यवस्थित जीवन शैली अपनानी चाहिए। संतुलित भोजन और व्यायाम करके अपने स्वास्थ्य को ठीक रखना चाहिए।
धूम्रपान से पुरुषों में स्ट्रोक का खतरा 40-50 फीसदी और महिलाओं में 60 फीसदी बढ़ गया है। शोधकर्ताओं ने यह साबित किया है कि जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान या गर्भवती होने से पहले धूम्रपान करती हैं, वे आमतौर पर जब बच्चो को जन्म देती है वह स्वस्थ नहीं होते है। यह एक कारण है कि बच्चे का जन्म समय से पहले होता है या बच्चे का वजन कम होता हैं। यह दरअसल महिलाओं के प्लेसेंटा में रक्त के प्रवाह में कमी के कारण होता है।
सेकेंड हैंड धुएं से शिशुओं और बच्चों में कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। शिशुओं में गंभीर अस्थमा , श्वसन संक्रमण, कान में संक्रमण और शिशु मृत्यु सिंड्रोम (एसआईडीएस) जैसे बीमारियां शामिल हैं |
गर्भावस्था के दौरान अगर महिलाएं धूम्रपान करती है तो यह उनके होने वाले बच्चे के लिए खतरनाक है। धूम्रपान करने से सालाना 1,000 से अधिक शिशुओं की मृत्यु होती है। सेकंड हैंड स्मोक वह है जो व्यक्ति धूम्रपान स्वंग नहीं करते है मगर जो धूम्रपान करते है , उनके धुंए के चपेट में आ जाते है। वयस्कों लोगो में सेकेंड हैंड धुएं के कारण कई गंभीर बीमारियां होती है जैसे कोरोनरी हृदय रोग, स्ट्रोक और फेफड़ों का कैंसर शामिल है। कई वर्षो के अध्ययन से पता चला है कि धूम्रपान से ल्यूकेमिया जैसी बीमारी का खतरा बढ़ गया है।
सेकंड हैंड स्मोक में तकरीबन २५० जानलेवा रसायन होते है। धूम्रपान करने वाले और धूम्रपान ना करने वाले दोनों के लिए हानिकारक है। शोधकर्ताओं के अनुसार सेकंड हैंड स्मोक से 3400 लोग फेफड़ो के कैंसर से पीड़ित होते है।
सीडीसी के मुताबिक सेकंड हैंड धुंए से उन लोगो को भी स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां हो रही है जो धूम्रपान करते ही नहीं है । मासूम लोग भी सार्वजनिक स्थलों में धूम्रपान करने वाले लोगो के विषाक्त धुंए के चपेट में आ जाते है। पिछले कुछ सालो से हमारे देश में धूम्रपान करने वाले लोगो की संख्या में वृद्धि हुयी है। आज धूम्रपान जैसी बुरी आदत को छुड़वाने के लिए कई संस्थाएं काम कर रही है। धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाने के उद्देश्य से ३१ मई को तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।
संसार में प्रत्येक वर्ष पांच अरब से ज़्यादा सिगरेट की उत्पत्ति की जाती है। शोधकर्ताओं के रिपोर्ट के अनुसार 80 फीसदी तक पुरुष तम्बाकू जैसे बुरी लत के शिकार है और महिलाओ में भी पहले की तुलना में धूम्रपान करने की आदत बढ़ रही है। भारत में हज़ारो लोग गुटका , बीड़ी , सिगरेट इत्यादि द्वारा तम्बाकू का सेवन करते है। देश में तम्बाकू सेवन बढ़ता चला जा रहा है। अब वक़्त आ गया है लोग सचेत हो जाए और अपने सेहत का ध्यान रखे। संसार में बाकी देशो की तुलना में भारत में तम्बाकू से मरने वाले लोगो की संख्या अधिक है। सिगरेट और तम्बाकू से मुंह , गला इत्यादि कैंसर होते है। सिगरेट और तम्बाकू को हमेशा के लिए अलविदा कहना ही अच्छा है।
निष्कर्ष
धूम्रपान करना स्वास्थ्य के लिए बुरा है। धूम्रपान जैसे बुरी आदतों को त्याग करना ज़रूरी है। इससे ना केवल मनुष्य अपना बल्कि अपने परिवार और दोस्तों की ज़िन्दगी को भी खतरे में डाल सकता है। सिगरेट के पैकेट पर धूम्रपान ना करने की सलाह दी जाती है। फिर भी लोग इसकी अनदेखी कर रहे है और अपने जिन्दगी को खतरे में डाल देते है। लोगो को जागरूक होकर सिगरेट की आदत को हमेशा के लिए छोड़ देना चाहिए। कोई भी नशा ज़िन्दगी से बड़ी नहीं होती है। सिगरेट स्मोकिंग अर्थात धूम्रपान को छोड़ देने में ही सबकी भलाई है।