शहरीकरण पर निबंध

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शहरीकरण पर निबंध 900 शब्द

प्रस्तावना: औद्योगीकरण और तेज़ उन्नति ने शहरीकरण को और अधिक बढ़ावा दिया है। गाँव के लोग अपना सब कुछ छोड़कर शहरों में आकर बसना चाहते है। शहरों में आकर वह अधिक रोजगार करना चाहते है।  इसका कारण है  शहरों में तेज़ी से बढ़ रहे उद्योगों का विकास और सभी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर। सभी युवक भी गाँव से शहरों की ओर उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आते है , ताकि वह संपन्न जीवन जी सके। शहरों के जीवन की ओर गाँव के लोग आकर्षित होते है और शहरों में आकर बस जाते है।  उन्हें शहरों में आकर और अधिक तकलीफो का सामना करना पड़ता है और वह झुग्गियों में रहने के लिए विवश हो जाते है। गरीबी और अशिक्षा के कारण उनकी हालत शहरों में और अधिक  दयनीय हो जाती है।

गाँव में लोग गरीबी से परेशान होकर शहरों की ओर रुख करते है , ताकि एक अच्छी जिन्दगी जी सके। लेकिन ज़्यादातर लोगो को निराशा हाथ लगती है।  उनको रोजगार मिल जाता है , मगर शहरों की महंगाई के कारण उनकी हालत और ख़राब हो जाती है। शहरों में हर प्रकार की सुविधा सरलता से मिल जाती है जैसे   अच्छी शिक्षा , अच्छी चिकित्सा , यातायात की सुविधा और मनोरंजन से भरे साधन मौजूद है।  गाँव के लोगो को शहरों की चकचौंध अपनी ओर आकृष्ट कर लेती है।  उनको लगता है , शहरों में आकर उनकी समस्याएं दूर हो जायेगी। कम शिक्षित होने के कारण उन्हें अच्छा रोजगार नहीं मिल पाता है और शहरों में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

शहरीकरण के कई फायदे है। व्यवसाय और उद्योगों के कारण लोगो को रोजगार के मौके मिल रहे है। शहरों में तकनीकी क्षेत्रों में काफी विकास हुआ है। शहरों में रहने वाले नयी तकनीकी सुविधाओं को जल्द पा सकते है।  वहीँ ग्रामीण शत्रु में रहने वाले लोग इससे वंचित रह जाते है। शहरों की तरफ लोग इसलिए भाग कर आते है ताकि वह सुविधापूर्ण और आरामदायक जीवन व्यतीत कर सके।

शहरों में अच्छे घर , साफ़ पानी , बिजली और सुख सुविधाओं से भरपूर यन्त्र मिलते है जो जीवन को आसान बना देते है। शहरीकरण की प्रक्रिया में निरंतर विकास हो रहा है।  गाँव के गरीब लोगो को जब जीवन की बुनियादी चीज़ें नहीं मिल पाता है तो वह शहरों की तरफ चले आते है।  गाँवों को भी शहरों की तरह परिवर्तित किया जाएगा   लेकिन अधिक शहरीकरण के कारण हम अपने पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे है।  बड़े बड़े इमारतें , शहरों में बढ़ता हुआ प्रदूषण हमे मुश्किल में डाल रहा है।

मनुष्य तेज़ी से उन्नति करना चाहता है और गाँवों को शहरों में बदलना चाहता है। ग्रामीण लोग शहरों में एक बेहतर ज़िन्दगी प्राप्त करने के लिए आते है। कई लोग गाँव की संस्कृति को छोड़कर शहरों की आधुनिक जिन्दगी को पाना चाहते है। सरकार गाँव में तेज़ी से उन्नति ला रही है।  फिर भी बहुत कुछ करना बाकी है।  अगर गाँवों का विकास होता तो लोग गाँव छोड़कर शहर ना जाते और आत्मविश्वास के साथ गाँव में रहकर रोजगार कर रहे होते।  गाँव के विकास के बारे में सोचते। शहरों की आबादी में तेज़ी से वृद्धि हो रही है और प्रतिस्पर्धा का माहौल बन रहा है।  जन्संख्या वृद्धि के कारण बेरोजगारी के हालत पैदा हो रहे है।

अत्यधिक शहरीकरण के कारण आबादी बढ़ रही है और जल जैसे प्राकृतिक संसाधनों की मांग बढ़ रही है। अत्यधिक जनसंख्या होने के कारण सभी को रोजगार नहीं मिल पा रहा है।  लोग इसलिए चोरी डैकती जैसे अपराध कर रहे है। अत्यधिक आबादी के कारण आश्रय और परिवहन की ज़रूरतें भी बढ़ रही है। इसलिए शहरीकरण के सकारात्मक और नकरात्मक दोनों तरह के प्रभाव समाज पर पड़ रहे है।

युवा वर्ग को शहरों की जीवन शैली ज़्यादा पसंद है और वहीं रहकर वह रोजगार और व्यापार करना चाहते है। अगर गाँव में भी उतना ही विकास होता तो गाँव में भी लोग बसने का सपना ज़रूर देखते। गाँव की उन्नति पर भी देश की उन्नति टिकी है। शहरीकरण के कारण देश विकास कर रहा है।  लोग आधुनिक जीवन यापन कर रहे है।  अच्छी शिक्षा और रोजगार प्राप्त कर रहे है।

अत्यधिक लोगो का विकास शहरीकरण से जुड़ा हुआ है। शहरों में बढ़ती आबादी के कारण , सड़को पर लोगो का जमावड़ा लगा रहता है और ट्रैफिक जैम जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही है। शहरीकरण के अनगिनत फायदे है।  लेकिन कोई भी चीज़ हद से ज़्यादा अच्छी नहीं होती है। हमारे देश में की भूमि उपजाऊ है और सभी वाकिफ है यह एक कृषि प्रधान देश है।  मगर समस्या तो यह है कि  आजकल के युवा गाँव में जाकर खेती नहीं करना चाहते है। युवा वर्ग गाँव में जाकर बसना ही नहीं चाहते है। सोचने की बात है कि अगर कृषि कोई भी नहीं करना चाहेगा तो हमारे देश के लोग क्या खाएंगे। किसान हमारे देश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।  अगर वह फसल नहीं उगाएंगे तो हमे भोजन प्राप्त नहीं होगा।

शहरीकरण में तेज़ी से बढ़ोतरी के कारण प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग जैसी गंभीर समस्याएं उभर रही है। अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए सौर ऊर्जा , पवन ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध उपयोग किया जा रहा है। वृक्षों की कटाई उद्योगों के विकास के लिए किया जा रहा है। इसके कारण पृथ्वी का तापमान निरंतर बढ़ रहा है और प्राकृतिक आपदाओं को निमंत्रण दे रहा है।

सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों का और अधिक विकास करने की ज़रूरत है।  किसानो के लिए बेहतर सुविधाओं को प्रदान करना चाहिए। गाँवों में भी  औद्योगिक  क्षेत्र में प्रगति की ज़रूरत है। जन्संख्या को नियंत्रित करने की बेहद ज़रूरत है , तब कई सारे समस्याओं का समाधान भी होगा।

निष्कर्ष

औद्योगीकरण के कारण , उद्योग जगत भी गाँव के लोगो को सहायक संबंधित कार्यो के मौके दे रही है। छोटे और बड़े उद्योगों को मज़दूर और इत्यादि कार्यो के लिए लोगो की आवश्यकता  है।  यही वजह है शहरीकरण को लोग ज़्यादा महत्व दे रहे है और कोई भीव्यक्ति  गाँव में नहीं बल्कि शहरों में बसना चाहते है। जिस प्रकार जनसंख्या वृद्धि हो रही है , शहरीकरण भी धीमी हो जाती है। औद्योगिक विकास है तो शहरीकरण की रफ़्तार भी तेज़ हो जाती है ।

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