गरीबी का शिक्षा पर प्रभाव निबंध

2.7/5 - (3 votes)

गरीबी का शिक्षा पर प्रभाव निबंध- Essay on Effect of Poverty on Education

प्रस्तावना: देश में साक्षरता दर और अधिक बढ़नी चाहिए। मगर इसके आगे कई समस्याएं है।  उनमे से एक है गरीबी। देश का एक हिस्सा गरीबी और उससे भी नीचे गुजारा कर रहा है।  गरीबी के कारण बाल श्रम जैसी समस्याओं ने  जन्म लिया है। गरीबी एक गंभीर समस्या है जिसके कारण छोटे बच्चो को दो वक़्त की रोटी के लिए काम करना पड़ता है।  जिस उम्र में उनके हाथों में कलम होनी चाहिए , उस वक़्त उन्हें काम करने को विवश किया जाता है।  गरीब लोगो के पास पर्याप्त पैसे नहीं होते है जिससे कि वह शिक्षा प्राप्त कर सके। गरीब लोगो को पर्याप्त भोजन नहीं मिल पाता है। उन्हें पोषण नहीं मिलता और उनका स्वास्थ्य सामान्य लोगो की तुलना में कमज़ोर होता है। गरीबी की मुख्य वजह है अशिक्षा। कुछ गाँवों में गरीबी इतनी अधिक है कि उन्हें सामान्य शिक्षा तक  प्राप्त नहीं  हो पाती है। अशिक्षा गरीबी और बेरोजगारी जैसी समस्याओं को जन्म देती है।

सरकार गरीबी को दूर करने के लिए अभियान चलाते है लेकिन गरीब लोगो को अशिक्षा की वजह से पता नहीं चल पाता है। शिक्षा पर सभी लोगो का अधिकार है।  देश की उन्नति तभी मुमकिन है जब गरीबी जैसी समस्याओं को जड़ से मिटाया जा सके। भारत में अमीर और मध्यम वर्ग के मुकाबले में गरीब लोगो की संख्या अधिक है। यह एक गंभीर समस्या है जो सालो साल बनी हुयी है।  सरकार को और अधिक प्रयास करने होंगे ताकि शिक्षा सभी घरो तक पहुंचे।

गरीबी की वजह से बहुत से बच्चो को शिक्षा नहीं मिल पाती है।  दिया जा सके। मासूम बच्चो को छोटे छोटे दुकानों पर काम करते हुए हम देख सकते है।  बाल मज़दूरी सरासर गलत है। शिक्षा ही एकमात्र ऐसा जरिया है जिससे गरीबी जैसे  हालत को सुधारा जा सकता है।

गरीबी एक ऐसी तकलीफ है ,जो सारी जिन्दगी लोगो को परेशान कर देती है। व्यक्ति का सारा जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। शिक्षा एक ऐसा महत्वपूर्ण माध्यम है जिसके द्वारा गरीबी को मिटाया जा सकता है। अशिक्षा मनुष्य के जीवन को अन्धकार की तरफ धकेल देती  है और मनुष्य को मुश्किल मे डाल देती है।

गरीब परिवार अशिक्षित होने के कारण परिवार नियोजन जैसे विषयो की अवहेलना करते है।  एक ही परिवार मे सात से आठ बच्चे होते है। वह सोचते है कि परिवार बड़ा होगा तो रोजगार अधिक होगा।  उनकी यह सोच बिलकुल गलत है। भुखमरी के कारण उनका शारीरिक विकास नहीं हो पाता है।  वह अशिक्षा और अज्ञानता के अन्धकार मे फंस कर रह जाते है।

शिक्षा एक ऐसा बहुमूल्य दौलत है जिसके बलबूते पर मनुष्य रोजगार करता है।  वह बड़े पदों पर कार्य कर सकता है।  वह डॉक्टर , इंजीनियर , शिक्षक  इत्यादि पदों पर कार्य करते है। शिक्षा की शक्ति असीमित होती है।  शिक्षा मनुष्यो को ठीक फैसले लेने की ताकत  है।  शिक्षा उनके सोच और कार्यशैली को प्रभावित करता है।

शिक्षा की ताकत क्या है यह गरीब परिवारों को समझाना ज़रूरी है।  सरकार को गरीबी उन्मूलन और उन्हें शिक्षित करने के लिए कई योजनाएं बनानी चाहिए। गरीब लोगो मे जागरूकता की कमी के कारण वह सरकार द्वारा शुरू की गयी योजनाओं को समझ नहीं पाते है। कई जगहों पर  गाँवों को प्राथमिक शिक्षा भी उपलब्ध नहीं है।

गरीब लोग निराशा के दल -दल मे फंस कर रह जाते है और उन्नति नहीं कर पाते है।  वह शिक्षा के महत्व को समझने मे असमर्थ हो जाते है। वह सोचते है पढ़ लिखकर क्या होगा इसलिए अपने बच्चो को बाल मज़दूरी की तरफ धकेल देते है। शिक्षा स्तर को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने ज़रूरतमंद बच्चो के लिए प्राथमिक शिक्षा निशुल्क कर दी गयी है। सर्व शिक्षा अभियान द्वारा प्रत्येक गाँव मे निशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है। उन्हें मुफ्त पुस्तकें और यूनिफार्म इत्यादि भी दिए जाते है।

निष्कर्ष

गरीब लोगो को शिक्षा के प्रति जागरूक करना अति आवश्यक है। जीवन मे सफलता प्राप्त करने के लिए शिक्षित होना ज़रूरी है। आजकल के जीवन मे शिक्षा कितना महत्वपूर्ण हो गया है यह गरीब लोगो को समझना ज़रूरी है। गरीब बच्चो को शिक्षित करना बेहद आवश्यक है जिससे वह गरीबी से बाहर निकल सके। शिक्षा लोगो मे आत्मविश्वास जगाती है। शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने विज्ञापन भी दिए है ताकि गरीब लोग शिक्षा के अहमियत को समझ सके।

Leave a Comment