प्रकृति के वरदान पेड़ पौधे पर निबंध

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पुराने समय से वृक्षों की पूजा की जाती है। वृक्षों से हमे कई अनगिनत सामग्री प्राप्त होती है। वनो से औषधि प्राप्त होती है जिससे कई रोगो के उपचार के लिए आयुर्वेदिक दवाईयां बनाई  जाती है। वृक्ष प्रकृति और पर्यावरण की सुंदरता को बनाये रखता  है। मन को सुकून और शान्ति मिलती है जब हम वृक्षों से भरे उद्यान को देखते है। वृक्षों से सिल्क , रबर , फल , फूल , बांस इत्यादि कई आवश्यक वस्तु पायी जाती है।वृक्ष प्रकृति द्वारा दिया गया एक अनमोल देन है। वृक्ष अपना भोजन खुद बनाते है। प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा अपना भोजन खुद बनाते है। हम जो कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण में छोड़ते है , उसका उपयोग करके वह अपने खाने का निर्माण करते है और फिर ऑक्सीजन गैस छोड़ते है। ऑक्सीजन गैस के बिना हमारा और सारे प्राणियों का  जीवित रहना असंभव  है।

वातावरण में मौजूद प्रदूषण को दूर करने के लिए वृक्षारोपण ज़रूरी है। जब वर्षा अधिक होती है , तो उपजाऊ मिटटी बहकर चली जाती है।  जहाँ वृक्ष होते है वह अपने जड़ो की सहायता से मिटटी को रोक कर रखते है और भूमि कटाव को रोकते है।प्रदूषण निरंतर पृथ्वी पर अपना भीषण रूप धारण कर रही है। गाड़ियों से  निकलने वाले धुंआ यानी जहरीली गैस  हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है।  इसमें कई जहरीली गैस मौजूद होती है। अगर वृक्ष अधिक लगाए जाएंगे तो प्रदूषण में कमी आएगी।

जितने अधिक वृक्ष होंगे ,वातावरण शुद्ध और साफ़ रहेगा।  अतिरिक्त शहरीकरण की वजह से प्रदूषण अपने चरम सीमा पर  पहुँच चूका है। वृक्ष वातावरण में नमी पैदा करते है। वर्षा के पानी को तेज़ी से बहने से रोकते है।  वृक्ष सूर्य के अतिरिक्त तेज़ किरणों से सभी जीवो को बचाते है।  उनके छाए में बैठकर सभी विश्राम करते है।मनुष्य स्वार्थ , लोभ और उन्नति की आड़ में वनो को काट रहे है।  वनो को साफ़ करके कारखाने , मकान बनाया जा रहा है।  वृक्षों का इस्तेमाल कृषि क्षेत्र में , भवन और इत्यादि सजावट के लिए किया जा  रहा है।  प्राकृतिक संतुलन को बनाये रखने के लिए वृक्षों का संरक्षण ज़रूरी है।

वनो को लगातार काट जाने के कारण कई पशु पक्षियों की प्रजातियां समाप्त हो गयी है। लगातार जनसंख्या वृद्धि के कारण लोगो की आवश्यकता बढ़ रही है।  यह एक वजह है जिसके कारण पेड़ो की अंधाधुंध कटाई की जा रही है।

इसी तरीके से अगर वृक्षों को काटा गया तो वह दिन दूर नहीं जब प्रलय के नज़ारे के गवाह हम बन जाएंगे। वृक्ष को काटे जाने के कारण भूमंडलीय ऊष्मीकरण यानी ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रहा है।  सदियों से जमे हुए बर्फ पिघल रहे है और जल प्रलय भी हो रहा है।

ईंधन की समस्या पेड़ो के कारण दूर हो गयी है। लोगो को फर्नीचर बनाने के लिए कई तरह की लकड़ियों की आवश्यकता होती है। हम कागज़ो का हर दिन इस्तेमाल करते है।  कागज़ो के लिए कच्चा माल भी हमे पेड़ो से ही प्राप्त होता है। पेड़ो से झरने से वाले पत्ते , डालियाँ दूसरे पौधों के लिए खाद का काम करती है।  इससे भूमि की उपजाऊ शक्ति में विकास होता है। जितने वृक्ष ज़्यादा होंगे , वर्षा भी अच्छी होगी।  लगातार हरियाली और वनस्पति को नुकसान पहुंचाने के कारण सूखे की समस्या हो रही है।

मनुष्य जिस गति से वृक्षों को काटकर इमारतों  का निर्माण कर रहा है ,उस गति से वह पौधों को लगाकर पर्यावरण को संरक्षित करने में असक्षम रहा है।जनसंख्या पर  नियंत्रण  करना ज़रूरी है। लोगो को वृक्षारोपण के प्रति और अधिक जागरूक करना आवश्यक है। शहरीकरण की तरफ मनुष्य को अपना झुकाव कम करना होगा। हरियाली , पेड़ पौधे , वनस्पति के बिना पृथ्वी का संतुलन बिगड़ चूका है।  भयानक प्राकृतिक आपदाएं देखने को मिल रही है| इसके लिए हमे प्रदूषण को कम करना होगा और प्रकृति का बचाव करना होगा।

निष्कर्ष

पर्यावरण और प्रकृति को बचाये रखना हमारा कर्त्तव्य है। वृक्ष पर्यावरण का अहम हिस्सा है। असंतुलित और असुरक्षित पर्यावरण सभी प्राणियों के लिए हानिकारक है।  इसलिए प्रकृति की देन और खूबसूरत भेंट पर्यावरण को बचाये रखना बेहद आवश्यक है। अगर वृक्ष और पेड़ पौधे नहीं होंगे तो हमारा भी कोई वजूद नहीं होगा।

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