सतर्क भारत और समृद्ध भारत पर निबंध- लेख

सतर्क भारत और समृद्ध भारत

भारत एक विकासशील देश है। भारत एक घनी आबादी वाला देश है। इस देश ने बहुत कुछ सहा है और बहुत सारी समस्याओं से आज भी जूझ रहा है। अब समस्त राज्य और राज्य के लोगो ने एक संकल्प लिया है, वह संकल्प है अपने देश और राष्ट्र के मान सम्मान को बनाये रखना। इस संकल्प और लक्ष्य को पूरा करने के लिए कई साधनो और तकनीकों का उपयोग करना होगा। देश ने अपने पूरे दुनिया में अपने सम्मान और इस कठिन परिस्थिति में भी अपने प्रतिष्ठा को विश्व में स्थापित किया है।

विकसित देशो की तुलना में भारत ने इतनी समस्याओं के बावजूद कोरोना संकटकाल की इस भयावह परिस्थिति में अपने आपको बनाये रखा है। वह अतुलनीय है। हमारा देश इस स्थिति में किसी का अनुकरण नहीं कर रहा है , बल्कि खुद मिसाल स्थापित कर रहा है। देश के सभी सेनाएं सीमा पर तैनात है। थल सेना , वायु सेना सभी अपना कर्त्तव्य को बखूभी निभा रहे है। पहले से और अधिक सतर्क और चौकन्ने होकर अपना फ़र्ज़ अदा कर रहे है।  आज देश आम व्यक्ति के सभी सुविधाओं को लेकर पहले से अधिक सतर्क और सचेत  हो गए है।

सेनाएं तेज़ी से हर रोज़ विपत्तियों का सामना कर रही है , ताकि हम अपने घर पर निश्चिंत होकर रह सके। हमारे देश ने आंतकवाद के खिलाफ करारा जवाब दिया है।  इसलिए पड़ोसी देश हमारे देश पर  बुरी नज़र डालने से पहले सौ बार सोचते है।  यह भारत पहले से अधिक सतर्क और समृद्ध है।

भारतीय सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और किसानो की उन्नति के लिए कई योजनाएं प्रारम्भ की है। यहाँ तक की आदिवासी लोगो को भी ज़रूरी सुविधाएं देकर , एक आत्मनिर्भर भारत बनाने  की कोशिश की जा  रही है। देश ने विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में भी उन्नति की है। पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सरकार ने प्रशंसनीय  कोशिशें की है। सुरक्षा की दृष्टि से देश ने अपने आपको सार्थक और ताकतवर  सिद्ध किया है।

इन सभी प्रयासों के कारण भारत एक संपन्न और समृद्ध देश बनने की राह पर चल पड़ा है।  सदियों से चल रही परंपरा , संस्कृति , संवेदनशील , भावनात्मक , अखंडता जैसे गुण देश को समृद्ध बनाती है। भारत की संस्कृति बहुत पुरानी है। भारत की जलवायु , जमीन , जंगल , पहाड़ इत्यादि सबसे अलग है।  यह एक कृषि प्रदान देश है और यहाँ के किसान परिश्रम करके अनाज उगाते है। किसी तरह के प्राकृतिक आपदा में हमारा देश मज़बूती से जूझने के लिए तैयार है।

यह तीन दिनों तक चलने वाला सम्मलेन था। इसे सतर्कता जागरूकता सप्ताह कहा जाता है। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) 27 अक्टूबर से 2 नवंबर 2020 तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह का अवलोकन करता है। यह हर साल की तरह इसी  दौरान मनाया जाता है जिसमें सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्मदिन  भी पड़ता है। यह जागरूकता सप्ताह अभियान नागरिक भागीदारी के माध्यम से सार्वजनिक जीवन में अखंडता और संभावना को बढ़ावा देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) सतर्कता और भ्रष्टाचार पर विरोध  (27 – 29 अक्टूबर, 2020) पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 अक्टूबर को शाम 5 बजे सतर्कता जागरूकता सप्ताह के समय में सम्बोधित किया गया था । कमिशन ने माना कि भ्रष्टाचार देश की उन्नति में सबसे बड़ी बाधक है। संगठनों को अपने  भीतर प्रणालीगत सुधारों की पहचान करने  के लिए कहा गया और उन्हें लागू करने की सलाह दी गई है।

प्रधानमन्त्री जी ने पीएमओ से जारी बयान में साफ़ किया गया कि इस सम्मलेन में सिर्फ सतर्कता संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जायेगी। इस सम्मलेन से लोगो  में जागरूकता पैदा   किया जाएगा। भ्रष्टाचार पर मोदी जी ने कहा कि भ्रष्टचार बहुत गंभीर अपराध है जो सालो साल हो रहे है। इससे करप्शन , ड्रग्स जैसे अपराध , मनी लॉन्डरिंग और आतंकवाद गतिविधियों की फंडिंग जैसे घिनौने अपराध एक दूसरे के संग जुड़े हुए है और मज़बूती पकड़ रहे है।  भ्रष्टाचार तो जैसे देश का राजनितिक संस्कृति का अंग बन चूका है। इस सम्मलेन में निति निर्माताओं को एक समान अधिकार उपलब्ध करवाई जायेगी।  इसका एक ही उद्देश्य है ताकि भ्रष्टाचार जैसे निंदनीय अपराधों से लड़ा जा सके। इससे एक बेहतर प्रशासन का गठन किया जाएगा।

ज़्यादातर मामलो में देखा गया है कि भ्रष्टाचार एक पीढ़ी से चलती है।  अगर उन्हें सजा नहीं मिली , तो उसके बाद आने वाली पीढ़ी भी यही करती है। ऐसा में इन लोगो के अपराधो को देखकर नयी पीढ़ी को हौसला मिलता है। भ्रष्टाचार राजनीतिक परंपरा का महत्वपूर्ण अंग बनता जा रहा है।  इसको वक़्त रहते समाप्त करना ज़रूरी है।  यह राष्ट्रीय सम्मलेन इसलिए ज़रूरी है। भ्रष्टाचार का वंशवाद के जड़ को खत्म करना ज़रूरी है।

निष्कर्ष

सिर्फ डीबीटी के कारण एक लाख सत्तर हज़ार रूपए गलत मंशा रखने वाले लोगो के हाथों में नहीं गए। देश फिर से स्कैम यानी घोटालो के इस पड़ाव को खत्म करने की कोशिश कर रहा है। मोदी जी ने कहा क्यों कि भ्रष्टाचार की एक पीढ़ी को सजा नहीं दी गयी इसलिए उसके पश्चात अगली पीढ़ी ने भ्रष्टाचार की इस नापाक जड़ को और अधिक आगे मज़बूत बनाया है। यह समस्या देश की उन्नति में छेद कर रहा है।

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