मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध

मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध- Mera Priya Pustak Nibandh

प्रस्तावना: किताबें पढ़ना सभी को अच्छा लगता है।  किताबें ना केवल लोगो का ज्ञान बढ़ाती है , बल्कि जीवन संबंधित ज़रूरी फलसफे भी सिखाती है।किताबें पढ़ने का मुझे बड़ा शौक है।   अक्सर पढ़ाई और काम से फुर्सत मिलने पर किताबें पढ़ती हूँ। मैंने  कई किताबें पढ़ी है। वैसे तो कई सारे किताबें मुझे पसंद है।  लेकिन मेरे प्रिय पुस्तकों के नाम है रामचरित मानस  । बच्चो से लेकर व्यस्क लोग सभी रामायण  पसंद करते है। रामचरित मानस तुलसीदास द्वारा रचित है। आज मैं अपना प्रिय पुस्तक का वर्णन करने जा रही हूँ।  रामचरित मानस सबसे प्रेरणादायक स्रोत है जो हमारे जीवन के हर मोड़ पर काम आता है। यह सबसे अधिक लोकप्रिय किताब है।

इसमें भगवान् श्रीराम के सम्पूर्ण जीवन यात्रा को दर्शाया गया है। श्रीराम और उनके भाईयों में काफी प्रेम था। राम लक्ष्मण की जोड़ी को आज भी सराहा और पूजा जाता है। दोनों भाई एक दूसरे के लिए कुछ भी कर सकते थे। श्रीराम ने कैकयी माता के वचन को मानकर और अपनी राजगद्दी छोड़कर चौदह साल वनवास को चले गए।  सीता माता ने अपना  पत्नीधर्म पूरे निष्ठा के साथ निभाया और श्रीराम के साथ वनवास के लिए चली गयी।

श्रीराम ने अपने जीवन में कई कठिनाईयों का सामना किया परन्तु हार नहीं मानी। श्रीराम नेक दिल इंसान थे और सबकी सहायता  करते थे। अपनी पत्नी सीता के ना मिलने पर वे काफी दुखित हुए थे।  उन्होंने सीता माता को ढूंढने में काफी प्रयास किये और अपना संयम नहीं छोड़ा। रामचरित मानस की चौपाईयाँ का रोज़ाना पाठ करती हूँ। राम जी की कहानी से मैं बहुत प्रेरित हूँ। वह एक आदर्श पुत्र , पति , भाई  और राजा थे। रामचरित मानस से हम बलिदान , दया , मानवता  , संयम , साहस जैसे गुणों से परिचित होते है। यह किताब आस्था , आशा और विश्वास का प्रतीक है। रामायण  में सभी अन्य किरदारों जैसे भरत, शत्रुघन, कौशल्या , राजा दशरथ , कैकयी ,सुमित्रा , मंथरा , रावण इत्यादि को बड़े ही सजीव तरीके से प्रस्तुत किया गया है।

इस किताब को पढ़ने  से हम अच्छे बुरे में फर्क करना सीखते है। लोगो में प्रेम , धैर्य , बलिदान और सहनशक्ति जैसे भावनाओ का संचार  होता है। यह हमे सिखाती है कि अंहकार और क्रोध जिन्दगी में मनुष्य का सब कुछ छीन लेती है। अंहकार मनुष्य के जीवन में सब कुछ जलाकर भस्म कर देती  है।  मनुष्य को प्रेम, सहनशीलता  और दयाभाव रखने की आवश्यकता है।

इस ग्रन्थ से  हम लोगो को सीख मिलती है कि हमे दूसरो के तकलीफो में मदद करनी चाहिए। प्रत्येक दिन अगर हम रामचरित मानस पढ़ते है तो मन को शान्ति और शक्ति मिलती है। श्रीराम ने लंकाराज के रावण को पराजित किया और सीता माता को वापस पाया।  यह सब इतना सरल ना था मगर प्रभु श्रीराम के प्रेम , बुद्धि , पराक्रम  और संयम ने रावण जैसे अंहकारी राक्षस को हराया। रामचरित मानस सीखाती है कि बुराई पर अच्छाई की हमेशा जीत होती है। अन्याय कितना ही ताकतवर क्यों ना हो , सच और न्याय के आगे टिक नहीं पाती  है।

मुझे यह पुस्तक इसलिए भी पसंद है क्यों कि इसने सारे घटनाओ को चित्र के माध्यम से दर्शाया है। लंका में राम और रावण के बीच हुए चित्रों का अद्भुत विवरण है।  यह चित्र इतने जीवंत है कि सारे घटनाओ का आँखों देखा हाल बताते है। इस पुस्तक को पढ़ने से मन में शान्ति और संतोष मिलता  है। यह भारतीय इतिहास , संस्कृति और पारिवारिक परम्पराओ को दर्शाता है। पुस्तकें तो अनगिनत है लेकिन इसके जैसा पुस्तक शायद ही कोई है। आपको जिस विषय या क्षेत्र  में रूचि है , उसी के अनुसार पुस्तक चुननी चाहिए। पुस्तकें ऐसी चुननी चाहिए जो हमें कुछ नया सिखाये और हमारा मन लगाए। रामचरित मानस हमे जीवन के कठिन परिस्थितियों में राह दिखाता है। रामचरित मानस में सभी किरदारों को बखूभी दर्शाया  गया है।  रामचरित मानस का  प्रत्येक इंसान दिल से सम्मान करते है।  इसे धार्मिक ग्रंथो में सर्वोत्तम माना जाता है। इसलिए मुझे यह ग्रन्थ बेहद पसंद है।

निष्कर्ष

पुस्तकें मनुष्य की जिन्दगी में अहम भूमिका अदा करती है।  पुस्तकें हर तरह के विषयो पर होती है।  पुस्तकों से बेहतर मित्र और कोई नहीं हो सकता है।  यह हमे किताबी कीड़े बना देते है।  किताबें हमे हर क्षेत्र में ज्ञान और मनोरंजन प्रदान करती है।  पुस्तकों को पढ़ते पढ़ते समय यूँ निकल जाता है। आपके मन को जो भी किताब ख़ुशी दे , उसे आपको अवश्य पढ़ना चाहिए।

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