मेरी रुचि (हॉबी) पर निबंध

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रुचि से तात्पर्य है, कोई ऐसा काम जिसको व्यक्ति अपने खाली समय में करना पसंद करता है। हर किसी की रुचि अलग होती है। अधिकतर स्कूलों में विद्यार्थियों को मेरी रुचि विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। अतः आज हम अपने लिए के माध्यम से आपको मेरी रुचि (हॉबी) पर निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं।

आइए जानते हैं कि आप किस प्रकार मेरी रुचि (हॉबी) विषय पर निबंध लिख सकते हैं…

प्रस्तावना

मेरा पसंदीदा शौक खाली समय में किताबें पढ़ना है। जब कभी भी मैं स्कूल से घर आता हूं तो अपना ग्रह कार्य पूरा करने के पश्चात अच्छे-अच्छे किताबों को पढ़ने का शौक रखता हूं। मैं कक्षा आठ का छात्र हूं और मैं यह बात जानता हूं कि किताबों को पढ़ना काफी अच्छा होता है। किताबों को पढ़ने से मन खुश और व्यक्ति व्यस्त रहता है। किताबों को पढ़ना ज्ञान, उत्साह और प्रोत्साहन का एक अच्छा स्त्रोत है।

मेरी रुचि – किताबें पढ़ना

मेरे विचार से किताबें पढ़ना एक बेहद अच्छी रूचि है। इसके माध्यम से हमें विभिन्न प्रकार की जानकारी हासिल होती है। मुझे किताबें पढ़ने का बेहद शौक है ऐसे में मैं हर प्रकार की किताबें पढ़ सकता हूं। किताबें पढ़ने का शौक आपको कुछ स्तर का ज्ञान, अच्छे विचार तथा अच्छी सोच प्रदान करता है। किताबें एक अच्छे मित्र की तरह होती हैं।जिसके पास किताबों का ज्ञान नहीं है वह चाहे कितना भी धन्य हो जाए निर्धन ही रहता है। मैं अपने किताबें पढ़ने के शौक से हमेशा खुश रहता हूं।

किताबों में मेरा भविष्य

मेरी रुचि अच्छी किताबें पढ़ना है। ऐसे में मैं यह बात अच्छे से जानता हूं कि किताबें पढ़ने से मेरा भविष्य भी उज्जवल होगा। किताबे मेरी अच्छी मित्र हैं। इनके माध्यम से मैं एक सफल तथा उज्जवल भविष्य की कामना कर सकता हूं।

क्योंकि मुझे किताबें पढ़ना का शौक है ऐसे में मैं अपने पाठ्यक्रम से लेकर प्रतियोगिताओं तक की किताबों को आसानी से पढ़ लेता हूं। और इन किताबों से अपनी आवश्यकता की बातों को समेटकर अपने पास रख लेता हूं।

किताबें हैं मेरी अच्छी मित्र

यदि आप एक अच्छे मित्र को ढूंढ रहे हैं तो किताबों से अच्छा कोई मित्र नहीं हो सकता है। एकदम मौन रहने वाली किताबें आपको हर सवाल का जवाब प्रदान करती हैं। आपकी किसी भी परिस्थिति का सुझाव करने वाली किताबें आपको कभी बोर नहीं होने देती है। आप किसी भी जगह हो आसानी से अपने किताबों का साथ प्राप्त कर सकते हैं। अक्सर में जहां कहीं भी अकेला महसूस करता हूं वहां अपनी किताबों को लेकर बैठ जाता हूं। इसके बाद मुझे सिर्फ अपनी किताबों से मतलब होता है।

निष्कर्ष

मेरी रुचि किताबें पढ़ना है और किताबों में ही मैं अपनी दुनिया ढूंढता हूं। किताबों से जो मुझे ज्ञान प्राप्त होता है वह सदा मेरे काम आता है। मुझे किताबों को पढ़ने का इतना शौक है कि अब मैं स्वयं की भी एक किताब लिखना चाहता हूं। मेरे साथ साथ जिन भी लोगों को किताबें पढ़ने का शौक है, मैं उम्मीद करता हूं कि वह मेरी भविष्य में लिखी जाने वाली किताब को पढ़कर अपना मनोबल मजबूत करेंगे।

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