परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध

परिवार के साथ पिकनिक – Essay on Picnic with Family in Hindi

प्रस्तावना: आम तौर पर लोग अपने रोजमर्रा के जीवन में व्यस्त रहते है।  उन्हें दिन भर के थकान और मानसिक सुकून के लिए एक जरिया चाहिए। कई मनोरंजन के माध्यम है , मगर पिकनिक से बढ़िया विकल्प और कोई हो ही नहीं सकता है। परिवार के साथ वक़्त लोगो को अपने व्यस्त जीवन के कारण अधिक नहीं मिल पाता है।  जब ही पिकनिक जैसी कोई योजना बनती है तो परिवार के सदस्यों के ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता है। सब कई दिनों पहले से ही पिकनिक जाने की तैयारी करने लगते है।

स्कूल पिकनिक पर अक्सर हम जाते है लेकिन परिवार के साथ पिकनिक जाने का अलग ही आनंद प्राप्त होता है। जब अक्सर हम परिवार के साथ पिकनिक जाते है तो घर से विभिन्न वस्तुओं को लेकर जाते है।  खाने पीने और खेल कूद का सामान अक्सर हम घर से लेकर जाते है। हम जहां पिकनिक करने के लिए पिछले रविवार गए थे वहाँ का मौसम बड़ा सुहावना था। वहाँ पहाड़ो के बीच एक सुन्दर सी जगह है जहां हम पिकनिक करने के लिए गए थे। हम आठ लोग पिकनिक पर गए थे।  मम्मी -पापा , दादा , दादी , चाचा चाची , मैं और मेरा छोटा भाई।  हम सबने बहुत मज़े किये।

लोगो को जैसी ही छुट्टियां मिले , परिवार के साथ पिकनिक की योजना अवश्य बनानी चाहिए।हम रविवार को पिकनिक के लिए गए थे। पिकनिक स्पॉट के पास एक खूबसूरत रिसोर्ट था जहां स्विमिंग पूल था। हलकी सूरज की रोशनी थी और  आकाश में बादल थोड़े छाए थे।  मैंने और मेरे भाई ने बैडमिंटन रैकेट्स निकाला और खेलने लगे।  माँ और चाची मिलकर सुबह के नाश्ते की तैयारी करने लगे।  पापा और चाचाजी शतरंज खेल रहे थे।  म्यूजिक रिकॉर्डर पर गाना बज रहा था।  हमारी तरह कुछ और परिवार , दोस्तों की टोली भी वहाँ पिकनिक करने आये थे।  मेरी ख़ुशी का तो कोई ठिकाना नहीं था।

फिर कुछ देर हरे भरे पेड़ो के नीचे चटाई बिछाकर हम सब आराम करने लगे। हम सब वहाँ बैठकर डेढ़ सारी बातें करने लगे।  दादी जी गाना गुनगुनाने लगी।  फिर हमने अंताक्षरी का माहौल बनाया। मैं , मेरा भाई , सब बड़ो ने मिलकर अंताक्षरी खेला। बहुत दिनों बाद , सभी के साथ बिताये हुए यह अनमोल पल याद रहेंगे।

हमने रिसोर्ट के पास उपवन का आनंद लिया।  वहाँ रंग बिरंगे और विविध प्रकार के फूल थे।  फूलों की महक से पूरा बगीचा सुगन्धित हो उठा था।  मैंने  सभी के साथ ढेरो फोटो खिंचाए और खूब सारी सेल्फी भी ली। दादा और दादी दोनों बेहद प्रसन्न थे।

मम्मी और चाची ने मिलकर लज़्ज़तदार भोजन बनाया था।  हम सबने आनंद के साथ खाया। फिर पापा मुझे अपने बचपन के दिनों के कुछ कहानियां सुनाने लगे। भोजन के पश्चात हमने थोड़ा आराम किया और फिर हमने क्रिकेट खेलने की योजना  बनायी ।  उसके पश्चात हम सब क्रिकेट खेलने लगे।  दादा दादी को अंपायर बनाया गया।  मम्मी , चाची और मैं एक टीम में , दूसरी टीम में पापा , चाचा और भाई।  बड़ा मज़ा आया लेकिन पापा की टीम जीत गयी। शाम होने को आयी।  पापा रिसोर्ट के रेस्टोरेंट से सैंडविच , पकोड़े , मिठाई और चाय लेकर आये।  सबने चाव से खाया। इतना खेलने के बाद भी मुझे और हम सभी को थकावट महसूस नहीं हुयी क्यों कि पिकनिक जाकर इतनी ख़ुशी जो मिल रही थी।रात होने को आयी।  हम सबने अपने सामान  उठाये और गाड़ी में रखे।  मन उदास था कि इतना खूबसूरत दिन समाप्त हो गया  ।

पिकनिक अपने परिवार के संग जाने का अर्थ है उनके साथ गुणवत्ता समय व्यतीत करना।  यह जीवन के सुखद पल है जो सदा के लिए हमारे  दिलों में बस जाते है। पिकनिक के समय बड़े भी बच्चे बन जाते है और पिकनिक का आनंद लेते है।

निष्कर्ष

परिवार के साथ वक़्त बिताना ना केवल व्यक्ति को खुश करता है बल्कि इससे उसके मन को सुकून और शान्ति मिलती है।  जब हम मुश्किल में पड़ जाते है तो सिर्फ परिवार ही हमारा साथ निभाता है।  परिवार है तो मुश्किल घड़ी भी सरल लगने लगती है।  इसलिए जब भी हमे समय मिले बस पिकनिक के लिए निकल जाना चाहिए।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top