पर्यटन के महत्व पर निबंध

जिंदगी का असली मजा तो घूमने फिरने में है, अपने आसपास और हर उस प्रसिद्ध जगह का कोना कोना देखना कई लोगों का सपना होता है। यही कारण है कि हर एक व्यक्ति के अंदर पर्यटन अथवा यात्रा करने की धुन सवार रहती है। लेकिन पर्यटन अथवा यात्रा का महत्व क्या है?

आज हम आपके लेख के माध्यम से आपको पर्यटन के महत्व विषय पर निबंध प्रस्तुत करने वाले हैं। इस लेख के माध्यम से आपको पता चलेगा कि पर्यटन का क्या महत्व होता है।

आइए जानते हैं, पर्यटन के महत्व विषय पर निबंध…..

प्रस्तावना

पर्यटन का अर्थ होता है – घूमना। घूमना यानि ऐसा घूमना जिसमें आपको सुख की प्राप्ति हो। ऐसे स्थानों की सैर करना जहां से आपकी जिज्ञासा पूर्ति हो। इसके अलावा पर्यटन वह होता है जो आपकी दैनिक चिंताओं से दूर हो, जहां आप अपने अंतर्मन को पूर्ण रूप से आजाद तथा सुकून भरा पाते हैं। यही कारण है कि हर कोई अपना समय निकालकर पर्यटन के लिए निकल पड़ता है। काफी लोगों के जीवन में पर्यटन शौक की तरह होता है।

पर्यटन के लाभ

पर्यटन एक ऐसा माध्यम है, जिसके जरिए देश विदेश की जानकारी प्राप्त होती है। इससे हमारा ज्ञान समृद्ध होता है। हम जानते हैं कि पुस्तकीय ज्ञान उतना प्रभावी नहीं होता जितना कि प्रत्यक्ष ज्ञान। ऐसे में पर्यटन से हमें देश-विदेश के खान-पान, रहान-सहन तथा सभ्यता-संस्कृति की जानकारी मिलती है। पर्यटन के जरिए पूरा देश और विश्व अपना-सा प्रतीत होता है। राष्ट्रिय एकता बढ़ाने में पर्यटन का बहुत बड़ा योगदान है। इतना ही नहीं किसी भी प्रकार की जिज्ञासा को शांत करने में पर्यटन लाभकारी है। यह हमारे मन को ही शांत नहीं करता बल्कि यह देश की आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक तथा सांस्कृतिक लाभ भी प्रदान करता है।

पर्यटन के प्रकार

पर्यटन-स्थल अनेक प्रकार के हैं। जिसके अन्तर्गत कुछ प्रकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात हैं, जैसे-प्रसिद्ध पर्वत-चोटियाँ, समुद्र-तल, वन-उपवन। वहीं कुछ पर्यटन-स्थल धर्मित महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं, जैसे हरिद्वार, वैष्णो देवी, काबा, कर्बला आदि। इसके साथ ही कुछ पर्यटन-स्थल एतेहासिक महत्व के हैं, जैसे लाल किला, ताजमहल आदि। इसके साथ ही कुछ पर्यटन-स्थल वैज्ञानिक, सांस्कृतिक या अन्य महत्व रखते हैं। इनमें से प्राकृतिक सौंदर्य तथा धार्मिक महत्व के पर्यटन-स्थलों पर सर्वाधिक भीड़ रहती है।

पर्यटन एक उद्योग

वर्तमान समय में पर्यटन एक प्रमुख उद्योग का रूप धारण कर चुका है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर जैसे आदि पर्वतीय स्थलों की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर आधारित है। यह ऐसे स्थान है जहां दुनियाभर से पर्यटक आते हैं और अपनी कमाई खर्च करते हैं। जिसके चलते पर्यटक स्थलों को आर्थिक लाभ होता है। पर्यटन स्थलों में मौजूद लोगों की आजीविका का साधन मिलता है।

निष्कर्ष

पर्यटन से राष्ट्रीयता की भावना मजबूत होती है। साथ ही पर्यटन से जीवन में उदारता व सहिष्णुता की भावना आती है। साधु-संत जो सामान्य मानव से ऊपर स्थान प्राप्त करते हैं, उसका मुख्य विशेष कारण उनकी घुमक्कड़ी ही है। जिसके चलते वह हर प्रकार का ज्ञान हासिल करने में सक्षम होते हैं, पर्यटन के विशिष्ट गुण को परिलक्षित करते हुए गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस में भी लिखा है
मुद मंगल मय संत समाजू।
जिमि जग जंगप तीरथ राजू।

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