यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता पर निबंध

हमारे देश में प्रधानमंत्री का पद अति महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में किसी भी व्यक्ति का प्रधानमंत्री बनना बड़े ही गौरव की बात हैं। प्रधानमंत्री का पद जितना महत्वपूर्ण हैं, उससे कई गुना अधिक जिम्मेदारी भरा भी रहता है। बता दें, हमारे पूरे देश को प्रधानमंत्री चला रहे हैं। आज हम इस लेख में निबंध लिखेंगे कि यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता। चलिए शुरुआत करते है।

भारत का प्रधानमंत्री बनना


अगर मैं देश का प्रधानमंत्री होता तो यह मेरे लिए सौभाग्य की बात होती। मैं अपने पक्ष के सदस्यों का पूरा समर्थन प्राप्त कर ही प्रधानमंत्री का पद को स्वीकार करता। हमारा राष्ट्र एक संप्रभुता संपन्न गणराज्य है। यहां की जनता अपना नेता चुनने के लिए स्वतंत्र है। हमारा अपना संविधान है। संविधान के अनुसार, राष्ट्र का सर्वोच्च नागरिक माननीय राष्ट्रपति से केवल प्रमुख विषयों पर ही विचार-विमर्श किया जाता है।


प्रधानमंत्री पद प्राप्त करने के बाद मैं अपनी पार्टी से योग्य व्यक्तियों को अपने मंत्रिमंडल में उचित पद देकर देश का शासन सही ढंग से चलाने की कोशिश करता। प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद मैं ऐसे व्यक्तियों को शासन का कार्यभार सौंपता, जो कि जनता जरूरतों से लेकर उनकी समस्याओं को जमीनी स्थिर से समझते।


यदि मैं प्रधानमंत्री बन गया, तो मेरे देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। जब मैं प्रधानमंत्री रहूंगा, तो मैं इस देश के सभी बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था करूंगा, जिससे देश में बेरोजगार न रहें बेरोजगारी के कारण कई युवा रोजाना आत्महत्या करते हैं। जब मैं प्रधानमंत्री होगा, तब ऐसा कार्य करूंगा, जिससे अपनी पढ़ाई के अनुसार उसमें नौकरी मिल सके।


देश में प्रधानमंत्री की महत्व


संसदात्मक शासन–व्यवस्था में, जहां वास्तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद् में निहित होती है, देश के शासन का पूरा उत्तरदायित्व प्रधानमंत्री पर ही होता है। प्रधानमंत्री केंद्रीय मंत्रिपरिषद् का अध्यक्ष और नेता होता है। वह मंत्रिपरिषद् की बैठकों की अध्यक्षता और उसकी कार्यवाही का संचालन करता है। मन्त्रिपरिषद् के सभी निर्णय उसको इच्छा से प्रभावित होते हैं। अन्य मन्त्रियों की नियुक्ति और उनके विभागों का वितरण भी पीएम की इच्छा के अनुसार ही किया जाता है। आसान शब्दों में बोले तो मन्त्रिपरिषद् यदि देश की नौका है तो प्रधानमंत्री इस नौका का नाविक है।


भारत के प्रधानमंत्री पद के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?


प्रधानमंत्री बनने के लिए व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए। प्रधानमंत्री बनने के लिए व्यक्ति लोकसभा या फिर राज्यसभा का सदस्य जरूर होना चाहिए। यदि व्यक्ति लोकसभा का सदस्य है तो उसकी उम्र 25 साल से अधिक होनी चाहिए और अगर राज्यसभा का सदस्य है तो उम्र का 30 साल से अधिक होनी चाहिए। अगर कोई व्यक्ति किसी सरकारी पद पर है तो वह देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता।


प्रधानमंत्री बनने की प्रक्रिया


लोकसभा के लिए वोट डालने वाले मतदाता प्रधानमंत्री का चुनाव नहीं करते हैं। भारत की चुनाव प्रक्रिया ब्रिटिश चुनाव प्रणाली से मिलती जुलती है। इस प्रणाली के अनुसार प्रधानमंत्री सरकार का मुखिया होता है और वह संसद के सदन लोकसभा के सदस्यों की ओर से चुना जाता है। जिस दल में ज्यादा सदस्य चुन कर आते है उन्हीं का नेता प्रधानमंत्री बनता है। देश की जनता यानी मतदाता लोकसभा के सदस्यों का चुनाव करते हैं जो अलग-अलग क्षेत्रों से चुनाव लड़ते हैं। भारत की लोकसभा में 545 सदस्य होते हैं। जिनमें से 543 चुनाव प्रक्रिया से होकर गुजरते हैं जबकि 2 का चुनाव भारत की राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।


प्रधानमंत्री का राष्ट्र के प्रति कर्तव्य


यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता है, तो मेरे राष्ट्र के प्रति कई कर्तव्य होते है, जो कि निम्नलिखित है।
• शिक्षा का उचित प्रसार
• आंतरिक सुरक्षा सुदृढ़ करना
• राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना
• आर्थिक चुनौतियों का समाधान
• भारतीय विदेश नीति में सुधार
• गांवों का विकास
• समाज में बसी जातिगत समस्याओं को दूर करता
• नशीले पदार्थों पर रोक
• लघु और कुटीर उद्योग को महत्व
• प्रकृति संरक्षण

निष्कर्ष


यह साफ है कि यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो देश और देश की जनता को सामाजिक, राजनीतिक आर्थिक और शैक्षिक स्तर पर सुदृढ़ कर भारत को पूर्णतः विकसित ही नहीं खुशहाल देश बनाने का अपना सपना पूरा करता। मैं प्रधानमंत्री होता तो स्वतंत्र भारत के अभ्युदय में अपना तन, मन और जीवन समर्पित करता।

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