बास्केटबॉल खेल पर निबंध

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बास्केटबॉल खेल पर निबंध-basketball par nibandh

विश्व में विभिन्न प्रकार के खेलों का चलन है। जिनमें से बास्केटबॉल खेल विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय तथा व्यापक खेलों में से एक है। बास्केटबॉल खेल की वैश्विक लोकप्रियता NBA में प्रतिनिधित्व करने वाले देशों में से प्रदर्शित होती है। दुनियाभर के समस्त आयु वर्ग के लड़के-लड़कियों के लिए बास्केटबॉल टूर्नामेंट आयोजित किए जाते हैं।

आज हम आपके लिए “बास्केटबॉल खेल” पर निबंध लेकर प्रस्तुत हुए हैं। इस निबंध के अन्तर्गत आपको बास्केटबॉल खेल से संबंधित विभिन्न विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। इसके साथ ही विद्यार्थी अपने परीक्षाओं में आने वाले खेल संबंधित विषयों पर इस निबंध का प्रयोग कर सकते हैं। आइए जानते हैं…..

“बास्केटबॉल खेल पर निबंध”

प्रस्तावना: बास्केटबॉल खेल मनोरंजन, आंनद तथा आपसी मित्रता का साम्राज्य है। प्रत्येक खेल में प्रतिस्पर्धा का स्थान होता है। इसी प्रकार बास्केटबॉल खेल में भी खेल के दौरान दो देशों के मध्य आपसी प्रतिस्पर्धा शुरू होती है। बास्केटबॉल का खेल बच्चों के शारीरिक विकास तथा मानसिक विकास के लिए बेहद लाभकारी है। यह एक आउटडोर गेम है। जो कि कुछ निश्चित नियमों के अनुसार ही खेला जाता है। इन्हीं नियमों के अनुसार बास्केटबॉल खेल के खिलाड़ियों का चयन किया जाता है, अंको की प्राप्ति होती है तथा विजेता को चुना जाता है।

बास्केटबॉल खेल का इतिहास: 1891 के प्रारंभ में, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्प्रिंगफील्ड, मैसाचुसेट्स, न्यू इंग्लैंड में सर्दियों की छुट्टियों के दौरान अपने छात्रों को व्यस्त तथा फिटनेस के स्तर को उच्च बनाने के लिए इनडोर गेम की तलाश की जा रही थी। उस समय जेम्स नाइस्मिथ ने, जो कि कनाडा में शारीरिक शिक्षा के प्रोफेसर रहे, कई बुनियादी नियमों को लिखकर 10 फुट ऊंचे ट्रैक पर एक पीच बास्केट ठोक दी। यह आधुनिक बास्केटबॉल से बेहद भिन्न रहा। इसमें जाली के विपरीत पीच बास्केट की पेंदी बनाई गई जिसमें गेंदों को अंक अर्जन करने पर निकाला जाता था। इस खेल में समय समय के अंतराल पर कई बदलाव हुए। जल्द ही एक बदलाव ऐसा किया गया जिसमें गेंद बास्केट के आर पार हो जाती थी, खेल का यह रूप आधुनिक समय में जाना जाता है। नाइस्मिथ के द्वारा ही इस नए खेल को “बास्केटबॉल” का नाम दिया गया।

इसके अतिरिक्त आधिकारिक तौर पर पहली बार यह खेल नौ खिलाड़ियों के साथ YMCA जिम्नेज़िअम में 20 जनवरी 1892 को खेला गया था। 1892 में ही महिला बास्केटबॉल की शुरुआत स्मिथ कॉलेज में सेंडा बेरेंसन नामक महिला शिक्षिका ने करवाई थी। उनके प्रयासों के फलस्वरूप 21 मार्च 1893 को पहली महिला महाविद्यालीयन खेल का आयोजन हुआ। बास्केटबॉल खेल की बढ़ती लोकप्रियता के साथ ही 1950 के दशक तक बास्केटबॉल खेल का एक प्रमुख कॉलेज भी बन गया था। 1959 में स्प्रिंगफील्ड मैसचुट्स में बास्केटबॉल हॉल ऑफ फेम की भी स्थापना की गई। जहां पहली बार खेल खेला गया।

बास्केटबॉल खेल कैसे खेला जाता है?

बास्केटबॉल खेल में कुल 12 खिलाड़ियों को शामिल किया जाता है। लेकिन खेल में कुल 10 खिलाड़ी ही मैदान में उतरते हैं। जो कि दो टीम में 5-5 खिलाड़ी के तौर पर बटें होते हैं। बास्केटबॉल खेल की शुरुआत रेफरी द्वारा की जाती है। जो कि सबसे बॉल को ऊपर की ओर फेंकता है। बॉल के नीचे गिरने पर जो भी टीम बॉल को संभालती है उसे आक्रामक (defencive) टीम तथा उसके विपरीत दूसरी टीम को रक्षात्मक(offencive ) टीम के नाम दिया जाता है। खेल की शुरुआत होने के बाद खिलाड़ी के पास तीन विकल्प होते हैं – बॉल को ड्रिबल करते हुए आगे बढ़ा सकते हैं, बॉल को शूट कर सकते हैं तथा बॉल को ड्रिबल करते हुए आगे पास कर सकते हैं।


खेल के दौरान एक खिलाड़ी अधिकतम पांच फाउल कर सकता है। इससे अधिक फाउल किए जाने पर खिलाड़ी को खेल से बाहर कर दिया जाता है। यह फाउल निम्न प्रकार हैं – पर्सनल फाउल, टेक्निकल फाउल, फ्लैगैंट फाउल, टीम फाउल, ब्लैक शूटिंग फाउल।
इस खेल में खिलाड़ी को एक बॉल को ड्रिबल करते हुए दस फीट ऊंची बंधी बास्केट में डालना होगा है। उस बास्केट में जाते ही खिलाड़ी से संबंधित टीम को अंक प्राप्त हो जाता है। इस प्रकार जो टीम अधिक से अधिक बॉल टोकरी के अंदर डालती है। वहीं टीम बास्केटबॉल खेल की विजेता घोषित कर दी जाती है।

बास्केटबॉल खेल के नियम:

  • जब रेफरी के द्वारा इस खेल की शुरुआत कर दी जाती है। तब दो टीमों के बीच होने वाले इस खेल का मुख्य उद्देश्य बॉल को बास्केट में डालना होता हैं और दूसरी टीम को इस टीम को ऐसा करने से रोकना होता है।
  • बास्केटबॉल खेल के मैदान में थ्री पॉइंट लाइन के बाहर से जब कोई खिलाड़ी गोल करता हैं, तो उस टीम को तीन पॉइंट मिलते हैं, जिसे थ्री पॉइंट शूट कहा जाता है।
  • जब दो टीम में से कोई एक टीम फ़ाउल करती हैं तो उसकी दूसरी टीम को एक फ्री पॉइंट मिल जाता हैं। इसके साथ ही होने पर दूसरी टीम को फ्री थ्रो का भी मौका मिलता हैं
  • फ़ाउल होने पर मिलने वाले शूट को “फ्री थ्रो सर्किल” में खड़े होकर शूट किया जाता हैं।
  • बास्केटबॉल खेल में दूसरी टीम के खिलाड़ी को अवैध तरीके से छूना भी, फ़ाउल माना जाता हैं।
  • बास्केटबॉल का खेल 40 या 48 मिनट का हो सकता हैं। पहले दो हाफ पूरे होने पर टीम अपने पक्ष बदल देती हैं।
  • यदि मैच का समय ख़त्म होने तक कोई टीम जीत हासिल नहीं करती हैं तो मैच का समय बढ़ाया जाता हैं।
  • बॉल को ड्रिबल करते समय में केवल खिलाड़ी केवल एक हाथ का उपयोग कर सकता हैं।
  • कोई खिलाड़ी बॉल को शूट करने के लिए दौड़ नहीं सकता हैं। ऐसा करने पर टीम पर फ़ाउल बढ़ जाता है।
  • कोई भी टीम 24 सेकंड से अधिक बॉल को अपने पास रोककर नहीं रख सकती।

निष्कर्ष: अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बास्केटबॉल की लोकप्रियता के विषय में आप जान ही चुके हैं। बास्केटबॉल खेल में रुचि रखने वाले बच्चे तथा युवा ओलंपिक में भी इस खेल में अपना अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं। जिसके लिए बास्केटबॉल खेल का प्रशिक्षण लिया जाता। वहां मौजूद कोच आपको खेल से संबंधित है नियमों के अनुसार तैयारी कराते हैं। भारत ने भी बास्केटबॉल खेल की कई प्रतिस्पर्द्धाओं में देश का परचम लहराया है। जिस कारण भारत ने भी बास्केटबॉल खेल का रोमांचक अनुभव प्राप्त किया है। भारतीय बास्केटबॉल खिलाड़ी में कुछ प्रमुख नाम- सतप्रकाश यादव, विशेष भृगुवंशी, अजमेर सिंह, अमृतपाल सिंह आदि। यह खिलाड़ी देश की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।

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