धनतेरस पर निबंध

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धनतेरस पर निबंध 400-500 words

प्रस्तावना :- धनतेरस का त्योहार हिन्दूओ के प्रसिद्ध त्योहार मे से एक है। इस त्योहार के साथ दिवाली के पांच दिन के त्योहारो का प्रारंभ होता है। धनतेरस मुख्य रूप से दिवाली के दो दिन पहले आता है। जो समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि अपने हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे पौराणिक कथाओं के अनुसार धनतेरस का पवॅ भगवान धनवंतरि के प्रकट होने के दिन को धनतेरस के रुपमे मनाया जाता है । ये त्योहार न केवल खुशी का प्रतीक है। बल्कि ये स्वास्थय का भी प्रतीक है।

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन समुद्र मंथन से आयुर्वेद के जन्मदाता भगवान धनवंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।
समुद्र मंथन के दोरान भगवान धनवंतरि के साथ माता लक्ष्मी जी की भी उत्पति हुई थी । मा लक्ष्मी हाथ मे सोने के कलश के साथ प्रकट हुए थी जबकि भगवान धनवंतरि हाथ मे अमृत कलश लेकर उतपन्न हुए थे। जिसके अमृत का पान करके देवता अमर हो गये थे।
ईस दिन लक्ष्मी पूजा का भी महत्व है लक्ष्मी जी भय ओर शोक से मुक्ति दिलाती है लक्ष्मी जी की आराधना करने से धन धान्य , निरोगी काया ओर लंबी आयु प्रदान करती है।

इस दिन कई लोग अपने काम करने कि जगह को दियों से सजाते है ओर रंगोली बनाते है ओर अपने हिसाबो कि किताब की भी पूजा करते हैं जिससे मा लक्ष्मी की कृपा सदा उनपर बनी रहे। आयु ओर स्वस्थता की कामना हेतु धनतेरस पर भगवान धनवंतरि का भी पूजन किया जाता है। साहित्य पुराणों मे एसी भी मान्यता हैं की भगवान धनवंतरि भगवान विष्णु के अंशावतार में से एक है।

पुरे संसार को बीमारी, मानव शरीर में होनेवाली पीडा की मुक्ति हेतु भगवान धनवंतरि ने चिकित्सा विज्ञान के प्रसार के लिए भगवान विष्णु ने भगवान धनवंतरि के रूप में अवतार लिया था। ओर इसलिए भी भगवान धनवंतरि के जन्म के दिवस को आयुर्वेदिक दिवस के रूप में भी मनाया जाता है युगो पहले के हमारे पुवॅज ओर रीशी मुनीओकी बातों के मुताबिक व्यक्ति का बड़ा धन उनकी सेहत है, स्वास्थ्य है। ऐसा कहा जाता है कि “पहला सुख निरोगी काया दूजा सुख घर में माया” और इसलिए दीपावली के त्योहार में सबसे पहले धनतेरस को महत्व दिया जाता है ।
भगवान धनवंतरि ओर मा लक्ष्मी के अलावा भगवान गणेश, कुबेर ओर यम की भी पूजा होती है । ईस दिन यम को दिपदान करने से अकाल मृत्यु नही होती।

यह पर्व दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है जिसमें लोग समृद्धि ओर अच्छे स्वास्थय के साथ आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भगवान धनवंतरि से प्राथॅना करते हैं धनतेरस को धनत्रियोदशी ओर धनवंतरि त्रियोदशी भी कहते हैं । कई सालों से हर धनतेरस के दिन लोग सोने चांदी की चीजों कि खरीदारी करते हैं इतना ही नहीं कुछ नया व्यापार ओर घर की नई चीजों के लेने के लिए भी इसी दिन का इंतजार करते हैं ।
भारत मे जैन आगमन मे भगवान महावीर इस दिन तीन दिन के ध्यान योग मे चले गये थे ओर इसलिए पुरे जैन समाज में धनतेरस को ध्यान तेरस भी कहा जाता है ।

उपसंहार :- समुद्र मंथन से आयुर्वेद के जन्मदाता भगवान धनवंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे ओर अमृत का पान करके देवता अमर हो गये थे इसी तरह आज भी धनतेरस के दिन लोग अपने अच्छे स्वास्थय ओर दीर्घायु की कामना के लिए भगवान धनवंतरि की पूजा करते हैं ओर इसलिए इस त्योहार का इतना महत्व हैं ।
हेतल .जोशी …

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