प्लास्टिक प्रतिबंध उपयोगी या नहीं पर निबंध

प्रदूषण हमारे वातावरण में जहर की तरह घुलता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है औद्योगिक क्रांति। भारत ही नहीं पूरे विश्व में कारखानों और वाहनों की बढ़ती संख्या के वजह से पिछले कुछ दशकों में प्रदूषण का स्तर कई गुना बढ़ गया है। जिसमें से पर्यावरण प्रदूषण का मुख्य कारण प्लास्टिक है। आज हम इस लेख में इसी पर निबंध लिखेंगे कि प्लास्टिक प्रतिबंध उपयोगी या नहीं?

क्या है प्लास्टिक?

प्लास्टिक जिसे तेल और पेट्रोलियम जैसे जीवाश्म ईंधन से प्राप्त किया जाता है। इसका उपयोग बड़े रूप से प्लास्टिक बैग, रसोई का सामान, फर्नीचर, दरवाजे, चद्दर, पैकिंग के सामान के अलावा अन्य कई चीजों को बनाने के लिए किया जाता है। कई समय से लोगों में प्लास्टिक का चलन काफी ज्यादा बढ़ गया है। लोग प्लास्टिक से बने सामानों को लेना ज्यादा पसंद करते है क्योंकि यह लकड़ी और धातु के वस्तुओं के तुलना में काफी हल्के और किफायती होते है।

कई देशों में प्लास्टिक प्रतिबंध

भारत सरकार ने पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगा दिया है। भारत कोई पहला देश नहीं है, जहां प्लास्टिक बैन की गई है। भारत से पहले कई ऐसे देश है, जहां पर सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लग चुका हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दुनिया के 80 देशों में इस पर आंशिक या पूर्ण प्रतिबंध लागू है। यूरोप में प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल पर अतिरिक्त टैक्स लागू है। वहीं, अफ्रीकन कंट्रीज में प्लास्टिक पूरी तरह से बैन है। साथ ही बता दें, कई विकासशील देश ऐसे है, जो कि आंशिक बैन लगाकर प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट की कोशिश कर रहे हैं। अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरीके से बैन लगाया गया है। हालांकि सिर्फ प्लास्टिक बैगों पर प्रतिबंध लगाने से इस समस्या का हल नही हो सकता है। पर्यावरण की रक्षा के लिये हमें अन्य प्लास्टिक वस्तुओं पर भी प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है।


प्लास्टिक से उत्पन्न होने वाली समस्याएं

नॉन-बायोडिग्रेडेबल
प्लास्टिक बैग एक नॉन-बायोडिग्रेडेबल वस्तु है। इनका निस्तारण एक प्रमुख समस्या है। यह छोटे-छोटे कणों में टूट जाते है और जमीन तथा पानी के स्त्रोतों में प्रवेश कर जाते है, मगर यह विघटित नहीं होते है।

पर्यावरण स्तर में गिरावट
प्लास्टिकों को विघटित होने में लगभग 500 साल का समय लगता है। यह बैग वजन में काफी हल्के होते है, जिसके कारण यह हवा के झोंकों से उड़कर दूर पहुंच जाते है। इस प्रकार से यह हर संभव तरीके से हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है।

पशुओं और समुद्री जीवों के लिए हानिकारक
पशुओं और समुद्री जीवों अपने भोजन के साथ प्लास्टिक को भी खा लेते है। वह यह प्लास्टिक पचा नहीं सकते इसलिए यह उनके आंतों में फंस जाती है। इस प्रकार से विभिन्न पशुओं और समुद्री जीवों के आंतों में काफी मात्रा में प्लास्टिक जमा हो जाता है, जिससे यह उनके स्वास्थ्य के कई समस्याओं का कारण बनती है। ऐसे ही प्लास्टिक बैगों के द्वारा उत्पन्न कचरा पशुओं के असमय मृत्यु का सबसे बड़ा कारण बन जाता है।

मनुष्यों में बीमारियों का कारण
प्लास्टिक बैगों के उत्पादन से कई जहरीले रसायन उत्पन्न होते है, जो उनके निर्माण करने वालों के लिए गंभीर स्वास्थ्य सबंधि समस्याओं का कारण बन जाते है। पर्यावरण प्रदूषण मनुष्यों को होने वाले कई बीमारियों का मुख्य कारण है। इसलिए प्लास्टिक बैन होना बेहद जरूरी है।

क्लौग्ड सीवेज
फेंके गए खराब प्लास्टिक बैग पानी और हवा द्वारा बहा लिए जाते है और नालियों और सीवरों में फंस जाते है। इस प्रकार से रुका हुआ सीवेज सिस्टम मनुष्यों और जीव-जन्तुओं के लिए खासतौर से बरसात में एक गंभीर समस्या बन जाता है।

निष्कर्ष

अब वह समय आ गया है, जब हमें प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से समझना है। हम आज प्लास्टिक आदि का प्रदूषण खत्म के करने के लिए आगे नहीं बढ़ेंगे तो हमारी आने वाली पीढ़ी की जिंदगी बद से बदत्तर हो जाएगी। प्लास्टिक प्रदूषण से प्रभाव पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव के साथ ही पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं और मानव जाति पर भी गंभीर संकट की तरह मंडरा रहा है। हमें अब इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु प्लास्टिक उत्पादों के उपयोग को कम करना होगा। जिससे हमारा और हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए एक स्वच्छ वातावरण का निर्माण हो सके।

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