दीपावली पर निबंध (500 शब्दों में)

प्रस्तावना

हिंदू धर्म पवित्र त्योहारों का धर्म है। जिसमें विभिन्न परमपराएं व पर्वों की लड़ी होती है। इस धर्म में दीपावली जैसा विशेष पर्व भी मनाया जाता है। जिसकी कथा सतयुग काल से तक जुड़ी हुई है। हिंदू धर्म के विभिन्न त्योहारों की भांति ही दीपावली के त्योहार के पीछे भी विशेष संदेश स्थापित है। बुराई के अंधकार को दूर करके अच्छाई का दीपक जलाना ही दीपावली पर्व का प्रतीक है।

दीपावली कब मनाई जाती है?

हर साल दीपावली का त्योहार कार्तिक मास में मनाया जाता है। दरअसल हिंदू कैलेंडर के मुताबिक कार्तिक मास में अमावस्या की तिथि को दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इसकी हिंदू धार्मिक तिथि हर वर्ष के तरह समान रहती है लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इसकी तारीख में परिवर्तन हो जाता है। इस प्रकार यही कहा जाता है कि दीपावली का त्योहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इतना ही नहीं दीपावली से पूर्व धनतेरस और नरक चतुर्दशी की तिथियां भी आती हैं। जिनका दीपावली के त्योहार से विशेष संबंध होता है। इस त्योहार के साथ हिंदू धर्म के पांच त्योहार जुड़े होते हैं। जिनका अपना एक विशेष महत्व व उत्साह होता है।

दीपावली मनाने का कारण

दीपावली मनाने के पीछे यूं तो कई संप्रदायों के अलग-अलग कारण हैं। लेकिन मुख्य रूप से दीपावली मनाने के पीछे का कारण श्रीराम चन्द्र जी की कथा से जुड़ा हुआ माना जाता है। इस कथा के अनुसार भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद व लंकापति रावण के वध के 21 दिन बाद अयोध्या वापस लौटे थे। ऐसे में संपूर्ण अयोध्या नगरी में दीप जलाकर लोगों ने दीपावली मनाई थी। इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर हिरणकश्यपु का वध भी किया था। इतना ही नहीं इस दिन माता लक्ष्मी और धनवंतरी की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। जिसके चलते इस दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा का भी विधान है।

दीपावली मनाने की तैयारियां

दीपावली एक ऐसा पर्व है जिसकी तैयारियां लोगों के घरों में एक महीना पहले से ही होना शुरू हो जाती हैं। इस पर्व का सबसे महत्वपूर्ण कार्य साफ सफाई है। माना जाता है कि जिस घर में साफ सफाई होती है माता लक्ष्मी उसी के घर अपना स्थान ग्रहण करती हैं। यही कारण है कि हिंदू धर्म का प्रत्येक व्यक्ति दीपावली से पूर्व अपने घर को शीशे की तरह चमक देने का प्रयास करता है। साथ ही लोग दीपावली पर अपने घरों की रंगाई पुताई भी कराते हैं। पूरा घर जगमगाती लाइट से सजाते हैं। मिठाईयां व पकवान बनाते हैं। अपने महमानों व दोस्तों के साथ फिर इस दिन का खूब आनंद लेते हैं।

निष्कर्ष

इस प्रकार कहा जाता है कि दीपावली प्रेम, सौहार्द्र व स्नेह का पर्व है। जो लोगों को आपस में जोड़ता है। यह पर्व आपसी रिश्तों की खटास को कम कर देता है। साथ ही मिलजुलकर एक दूसरे को अच्छाई व बुराई का प्रतीक समझाता है। इस प्रमुख पर्व की शुरुआत रामायण काल से हुई थी लेकिन दुनियाभर में आज भी इस त्योहार को उसी उल्लास व उत्साह से मनाया जाता है जितना सहस्त्रों वर्षों से भी पहले मनाया गया था।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top