सर्कस पर निबंध

प्रस्तावना: मनुष्य के आनंद के लिए कई तरह के मनोरंजन के साधन है। यह एक ऐसा मनोरंजन भरा कार्यक्रम है जिसमे मनुष्य , पशु पक्षी विभिन्न तरह के कार्यक्रम करते है। इन सारे करतब और स्टंट को देखकर लोग बहुत खुश होते है।सर्कस के सारे कार्यक्रम मनोरंजन से भरे और आनंदमय होते है।   सर्कस को बड़े पैमाने में आयोजित किया जाता है।  यहां रोमांच से भरे खेल लोगो को दिखाए जाते है। सर्कस को देखने के लिए टिकट लगती है।

मैंने भी सर्कस दो बार देखा है।  सर्कस को देखने के लिए लोगो की भीड़ लग जाती है।  ऐसा ही मनोरंजन से भरा सर्कस मैंने अपने परिवार के साथ  दक्षिण कोलकाता में देखा था। सीटों के अनुसार टिकट के लिए पैसे देने पड़ते है।  आगे की सीट महंगी होती है। देखते ही देखते पूरा मंच लोगो से खचा खच भरा हुआ था। आरम्भ में कुछ लड़के अनोखे और रंगीन  पोशाक पहनकर करतब दिखाने लगे।

कुछ देर बाद कुछ जोकर आये और अपने भिन्न भिन्न अंदाज़ से लोगो को गुदगुदाने लगे। जोकरों ने सभी लोगो को खूब हंसाया।  वह गेंदों के साथ खेलते और अद्भुत करतब दिखाते।  जोकर विभिन्न चेहरे बनाकर लोगो को हंसाने का काम करते है।  बच्चे और बड़े सभी जोकरों को देखकर खुश होते है। सभी लोगो को बड़ा मज़ा आ रहा था।अचानक एक व्यक्ति मोटर साइकिल को लेकर आग के बीच में जाकर स्टंट करने लगा। यह बेहद भयानक होता है और उन्हें इसके लिए कड़ी प्रशिक्षण लेनी पड़ती है। एक गलती व्यक्ति की जान को जोखिम में डाल सकती है।  सर्कस में विभिन्न करतब दिखाने वाले जो कलाकार होते  है वह कड़ी मेहनत करते है ताकि दर्शको को आनंद मिले।

सर्कस में विभिन्न पशु भी  अलग अलग प्रकार के करतब करते है। दो हाथी साइकिल पर अपना संतुलन बनाकर आ रहे थे और अपने पांवो और सूंढ़ की मदद से करतब कर रहे थे। कुछ देर बाद कुछ लड़कियां  आयी और ऊंचाई पर लगे झूलो पर करतब दिखाने लगी। हालांकि नीचे एक जाल बिछाया हुआ रहता है कि कभी कोई भी गलती से नीचे गिरे तो उन्हें चोट ना लगे।

कई तरह के जिमनास्टिक कार्यक्रम मंच पर होते है।  सर्कस में लड़के और लड़कियां सभी इस तरह के जिमनास्टिक करते है। वह अपना संतुलन बनाये रखते है और बहुत देर तक करतब करते है। वे एक झूले से दूसरे झूले पर जाते है और साथ ही संगीत भी बजता है।

हाथियों ने क्रिकेट और फुटबॉल खेलकर सबका मनोरंजन किया। सबसे जोखिम भरा करतब ट्रेपेज़ होता है। दर्शको ने शेर , बन्दर के करतबों की खूब प्रशंसा की।भालू ने भी बाइक चलाकर  अनोखे करतब दिखाए।  पशुओं का अच्छे से ख्याल  रखा जाता है ताकि उन्हें तकलीफ ना हो।

लड़के और लड़कियों ने लोहे के गोलाकार रिंग को लेकर काफी करतब दिखाए और हम सब का मनोरंजन किया। कुछ कलाकारों ने गाड़ियों पर खड़े होकर और बैठकर कताब दिखाए।

सर्कस को हम टीवी पर भी देख सकते है। टेलीविज़न पर कुछ कलाकार एक ही साइकिल पर बैठकर  और खड़े होकर हैरान करने वाले  स्टंट करते है। पतली सी रस्सी पर एक डंडा लेकर भी करतब करते हुए नज़र आ जाते है।यह सारे कलाकार कई वर्षो  से परिश्रम और लगन के साथ स्टंट को सीखते है।  उसके बाद पूरे आत्मविश्वास के साथ करतब दर्शको के समक्ष करते है। सर्कस का माहौल रंग बिरंगा और खतरे से भरा होता है।  सावधानी और सतर्कता के साथ सभी करतब दिखाए जाते है।

सभी करतब दिखाने वाले कलाकार रंगीन पोशाक पहनते है। कुछ कलाकार स्टील के तार पर खड़े होकर नाच दिखाते है। नीचे बैंड अपना गाना बजाते है।जब शेर मंच में आते है तो मज़ा और तिगुना बढ़ जाता है।  वे भी रिंग मास्टर के आदेशों पर करतब दिखा रहा थे।  शेरो ने रिंग के अंदर से छलांग लगाया और उनकी दाहड़ से सभी चुप होकर उन्हें देखने लगे। शेर सर्कस के कलाकारों के आदेशों को मानकर चल रहा था और अच्छा प्रदर्शन भी किया।इसके साथ ही सर्कस का कार्यक्रम खत्म  हुआ और सभी दर्शको ने तालियां बजायी । तालियां बजाकर उन्होंने अपनी ख़ुशी जाहिर की।

निष्कर्ष

सर्कस खेल पहले की तुलना में कम हो गया है लेकिन आज भी लोग सर्कस को देखने के लिए उत्साहित रहते है। सर्कस कई देशो में लोकप्रिय है। मुझ जैसे कई लोग सर्कस जैसे मनोरंजन को देखने के लिए हमेशा तैयार रहते है।  जो भी कलाकार यहां प्रदर्शन करते है , उनकी जितनी तारीफ़ की जाए उतनी ही कम है। लोगो को हंसाना मुश्किल काम है लेकिन यह कलाकार बखूभी यह काम करते है।`

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