लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध

प्रस्तावना: हमारे देश में समय-समय पर अनेक नेता हुए है लाल बहादुर शास्त्री उनमे से सबसे अधिक लोकप्रिय रहे वे एक गरीब परिवार में जन्में, पले किंतु अपनी लगन व ईमानदारी से भारत के प्रमुख पद पर पहुँच गए। आपने केवल 18 माह तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया, किंतु इतने थोड़े समय में वह कार्य कर दिखाया जिसके कारण इनका नाम सदैव ऊंचा रहेगा। भारत माता को आप जैसे लालो पर गर्व है।

जन्म , शिक्षा और विवाह: शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को मुगलसराय में हुआ था। पिता का नाम शारदा प्रसाद और माता का नाम दुलारी देवी था उनके पिता एक सामान्य अध्यापक थे ।उनका लालन-पालन बड़ी कठिनाइयों में हुआ था ।यह 14 वर्ष के थे उनके पिता जी का स्वर्गवास हो गया था। प्रारंभिक शिक्षा इन्होंने वाराणसी से प्राप्त की गरीबी के कारण उनको शिक्षा बीच में ही छोड़नी पड़ी ये बचपन मे नंगे पैर रहते ,फ़टे पुराने कपड़े पहनते थे,पाठशाला से आकर ये सपनी माँ की सेवा करते थे।इन्होंने 1921 में काशी विद्यापीठ में शास्त्री की परीक्षा उत्तीण की।बाद में ये इसी नाम से प्रसिद्ध हुए।

सामाजिक और राजनीतिक जीवन: शास्त्री जी 17 वर्ष की अवस्था में ही गांधी जी से संपर्क में आए आजादी के आंदोलन में भाग लेने लगे। आंदोलन बड़ा सराहनीय कार्य किया अनेक बार जेल गए विभिन्न पदों पर कार्य किया राजनीतिक नहीं है और बड़े हो 7 वर्षों तक इलाहाबाद नगर पालिका के अध्यक्ष उत्तर प्रदेश कांग्रेस सचिव के रूप में कार्य किया एवं यातायात मंत्री भी बने

आजादी के बाद 1951 में कांग्रेस के महामंत्री बने 1957 में केंद्र में रेल एवं संचार मंत्री बने किंतु एक रेल दुर्घटना के बाद इन्होंने पड़ से इस्तीफा दे दिया।बाद में अनेक पदों पर कार्य किया।इन्होंने उधोग एवं वाणिज्य मंत्रालय सम्भाला । जिस पड़ पर भी रहे बड़ी लगन और ईमानदारी से कार्य किया।

प्रधानमंत्री के रूप में कार्य: नेहरूजी की मृतु के बाद 1964 में ये देश के प्रधानमंत्री बने । शास्त्री जी कवक 18 माह ही प्रधानमंत्री रहे,फिर भी इन्होंने बड़े-बड़े काम कर दिखाए। इन्होंने युद्ध,में पाकिस्तान को हराया,जिससे भारत का नाम ऊँचा हुआ।इन्होंने भारत के बच्चे बच्चे में देश प्रेम की भावना भर दी।इन्होंने भारतीयों को जय जवान-जय किसान का नारा दिया।इनके कारण भारत का नाम विशव में ऊँचा हुआ।

व्यक्तित्व: शास्त्री छोटे कद के सीधे साधे स्वभाव के थे।आकार में छोटा होने पर भी उनमे अपार साहस भरा था।वे कठिनाइयों से घबराते नही थे।उनमें अदभुत दृढ़ता थी।चरित्र के धनी थे।उनमें काम करने की गहरी लगन थी।उन्होंने अनेक उच्च पदों पर कार्य किया पर अपने परिवार के लिए कभी धन इकट्ठा नही किया।गरीबो के आरती इनके मन मे बड़ा स्नेह था।वे केवल खादी का कुर्ता-धोती ही पहनते थे।

उपसंहार

शास्त्री जी देश जे ह्रदय सम्राट थे।जनता के दिलो में आज भी।उनके प्रति अथाह प्रेम श्रद्धा है।10 जनवरी 1966 को ताशकंद में उनका निधन हो गया।वे देश के लिए ही जन्मे ओर देश के लिए ही मरे।वे सच्चे अर्थों में भारतीय थे।इनका नाम हमेशा अमर रहेंगा।उनके नाम को लोग लालबहादुर के रूप में ही नही,अपितु “बहादुर लाल” के रूप में याद करते है।

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