हमारी संस्कृति हमारा गौरव पर निबंध

प्रस्तावना: किसी भी देश की संस्कृति उस देश की पहचान होती है। संस्कृति उस देश की सभी चीजों में व्याप्त होती है। इसका अनुमान लोगों के पहनावे, खान पान और व्यवहार मात्र से नहीं लगाया जा सकता है। भारत की परम्परा समस्त दुनिया में विख्यात है।

हमारे देश की संस्कृति में अथिति देवो भवः यानि अथिति को भगवान का दर्जा दिया गया है। हमारे देश के हर प्रांत व हर राज्य का पहनावा अनोखा है। अलग अलग भाषाएं व परंपराएं भारतीय विविधता की परिभाषा प्रस्तुत करती है लेकिन वसुधैव कुटुंबकम् की भावना हर एक हृदय में समान रहती है।

संस्कृति का अर्थ: संस्कृति के अर्थ के अन्तर्गत वे रीति रिवाज, धार्मिक मान्यताएं, शुभ काम करने के तरीकों को शामिल किया जाता है, जो हमारे पूर्वजों द्वारा बनाए गए हैं। हमारे भारतीय पूर्वजों ने हमें जो अच्छी बातें बताई और नीतियां बनाई वे सब भारतीय संस्कृति का आधारभूत मानी जाती हैं। इस संस्कृति के तहत व्यक्ति जीवन जीना सीखाता, न्याय अन्याय में फर्क कर पाता है।

भारत देश में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई व अन्य धर्म के लोग पाए जाते हैं। इस प्रकार भारत में अलग-अलग धर्म की अपनी अलग अलग धार्मिक मान्यताएं और संस्कृति पाई जाती हैं। लेकिन इन सभी धार्मिक मान्यताओं और संस्कृतियों का सार एकता व प्रेम में पाया जाता है।

भारतीय संस्कृति की विशेषता : हमारे भारत की संस्कृति प्रेम और आत्मीयता से परिपूर्ण है। हमारी भारतीय संस्कृति में वासुदेव कुटुंबकम का पाठ पढ़ाया है। अतिथि देवो भव और अपनी धरती को माता के समान बताया है।अनेक महान विद्वानों ने भारत को विविधता में एकता के कथन के साथ संबोधित भी किया है। इस प्रकार भारतीय संस्कृति विविधताओं का समावेश है।

जिसमें भारतीय संस्कृति की सभी मोतियों को एक सूत्र में पिरो कर रखा गया है। यहां हर किसी का अपना एक अलग विचार है, हर समुदाय का अपना खानपान और व्यवहार है, वेशभूषा और भाषा से लेकर कई चीजों में विविधता पाई जाती है। लेकिन विविधता में एकता ही हमारे भारतीय संस्कृति की विशेषता है।

भारतीय संस्कृति का बचाव : हमारी भारतीय संस्कृति में हमारे देश में उन्नत स्तर पर प्रभावित किया है। लेकिन अंग्रेजों के आगमन के बाद से हमारी भारतीय संस्कृति को अनेक चोट मिली। जिसके चलते हमारी भारतीय संस्कृति में अनेक परिवर्तन भी किए गए। भारतीय अपनी असल संस्कृति को भूलकर अंग्रेजी सभ्यता की ओर आगे बढ़ने लगे।

अंग्रेजों ने हमारी भारतीय संस्कृति के विभिन्न अंग जैसे कला विज्ञान धार्मिक मान्यताएं और रीति-रिवाजों को समय-समय पर बदल दिया। इस बदलाव ने भारतीय संस्कृति को हानिकारक भी बना दिया। यही कारण है कि आज वर्तमान समय में हमारी भारतीय संस्कृति पीछे रह गई है।

यदि हम अपनी भारतीय संस्कृति को बचा कर रखना चाहते हैं तो अपनी भारतीय संस्कृति के समस्त विषयों पर संपूर्ण जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। इसके बाद जानकारी को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाते रहना चाहिए। निसंदेह इस प्रयास से हमारी संस्कृति आने वाली पीढ़ी के लिए अहम भूमिका निभाएगी।

निष्कर्ष

इस प्रकार हमारी भारतीय संस्कृति हमारे देश की धरोहर है। जिससे हमें संजोकर रखना होगा। देश के समस्त लोगों के सुख दुख में साथ देकर और समाज को बेहतर बना कर हम अपनी संस्कृति को सदा के लिए जिंदा रख सकते हैं। हमारे पूर्वजों और ऋषि मुनियों ने जो ज्ञान और कौशल भारतीयों को प्रदान किया है,

वह पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है। इसी प्रयास के साथ हम अपनी भारतीय संस्कृति को सदा के लिए अमर कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त भारतीय समाज के लोगों में संस्कृति को बचाने के लिए जागरूकता फैलाना भी हमारा एक सफल प्रयास हो सकता है।

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