मेरे प्रिय खिलाड़ी पर निबंध

प्रस्तावना: क्रिकेट एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त खेल है। निस्संदेह, विश्व शांति के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति भी है। दुनिया के कोने-कोने से टीमें उन देशों का दौरा करती हैं जहां मैच खेले जाते हैं। भारत भी इस खेल में अपना नाम अग्रणी रखती है। भारत की क्रिकेट टीम में यूं तो कई खिलाड़ी हैं और रहे लेकिन एक खिलाड़ी पूरे दुनिया का सबसे प्रिय खिलाड़ी बन गया। वह खिलाड़ी मेरा भी सबसे प्रिय खिलाड़ी है।

मेरा प्रिय खिलाड़ी: भारत के खिलाडिय़ों की श्रंखला में सर्वप्रथम जिस खिलाड़ी का नाम मुझे सबसे अधिक प्रिय है वह नाम है सचिन तेंदुलकर। सचिन तेंदुलकर क्रिकेट का सबसे बेहतरीन खिलाड़ी है। जो मेरा सबसे मन पसंदीदा खिलाड़ी है। भारत के इस महान खिलाड़ी को लोक बेहद प्रेम करते हैं। सचिन तेंदुलकर भारत के सबसे सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खिलाड़ी के तौर पर विख्यात है। भारतीय क्रिकेट टीम में सचिन तेंदुलकर जैसा कोई भी खिलाड़ी अब तक नहीं हो पाया है। यही कारण है कि यह मेरा सबसे प्रिय भारतीय खिलाड़ी है।

सचिन तेंडुलकर का प्रारंभिक जीवन: यह भारत के पहले ऐसे युवा खिलाड़ी हुए जिन्होंने बेहद कम उम्र में भारत रत्न को प्राप्त किया। सचिन तेंदुलकर का पूरा नाम सचिन रमेश तेंदुलकर है। उनका जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता, रमेश तेंदुलकर एक प्रसिद्ध उपन्यासकार थे। सचिन तेंदुलकर के न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी बड़ी संख्या में प्रशंसक हैं। सचिन तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के बाद से बल्लेबाजी में कई रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। सचिन तेंडुलकर को, मास्टर ब्लास्टर के रूप में जाना जाता है। उनका पूरा नाम सचिन रमेश तेंदुलकर है।

सचिन तेंडुलकर का खेल जीवन: सचिन तेंदुलकर भारत के एक पूर्व अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर हैं जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कैप्शन के रूप में कार्य किया। उन्हें व्यापक रूप से क्रिकेट के इतिहास में सबसे महान बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। 16 नवंबर 2013 को, सचिन तेंदुलकर ने भारतीय क्रिकेट की आधारशिला के रूप में सेवा करने के बाद क्रिकेट से संन्यास ले लिया।

उन्होंने अपना 200वां और आखिरी टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला। भारत सरकार ने उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया है। क्रिकेट में 24 साल के अपने करियर में मास्टर ब्लास्टर ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं।

निष्कर्ष

सचिन तेंडुलकर मृदुभाषी हैं और अपने हर इंटरव्यू में वह अपनी हर बात बड़ी ही सज्जनता से पेश किया करते हैं। मैं केवल उनके खेलने के तरीके से ही उन्हें पसंद नहीं करता हूं बल्कि मैं उनके व्यक्तित्व को भी बेहद पसंद करता हूं। उनके जैसा भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी मेरी नजर में हो नहीं सकता है।

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