सौर मंडल पर निबंध, लेख , इतिहास। Hindi essay on Solar System.
प्रस्तावना: हजारों साल पहले शास्त्रों में से ज्ञात हुआ है कि सर्वशक्तिमान ईश्वर ने पहले हमारे विश्व की रचना की होगी और फिर इसे बनाया हुआ अगर यह बात सच है। तो इसका मतलब हमारा सौरमंडल अपने आप वजूद में नहीं आ सकता बल्कि इसे किसी मकसद के साथ बनाया गया होगा धरती पर जीवन को मुमकिन बनाने के लिए जो – जो किया गया होगा उन सब का कुछ ना कुछ इतिहास में रिकॉर्ड रखा गया होगा और वह रिकार्ड 3500 साल पुराना है उसमें से एक रिकार्ड बाइबिल का भी है। उसके मुताबिक एक समय ऐसा था जब हमारी पृथ्वी ‘बेडौल और सुनसान’ थी उसमें ना कोई महाद्वीप था ना कोई जमीन।
परंतु इस, ग्रह में अगर जीवन के लिए जरूरी है तो वह है पानी जो की इस ग्रह में था इस प्रकार हमारा सौरमंडल कई वजह से पूरे विश्व में अनोखा है हमारी आकाशगंगा सर्पिलाकार की है और इसी संरचना की दो भुजाओं के बीच जहां बहुत कम तारे हैं उसमे हमारा सौरमंडल पाया जाता है।
सौर मंडल कैसे बना
सौरमंडल एक ऐसा, मंडल है जो कि गुरुत्वाकर्षण बल के कारण एक दूसरे छोटे तारों या कुछ अन्य ग्रहों के इर्द गिर्द परिक्रमा करते हैं उनके वस्तुओं के समूह को गहि मंडल कहा जाता है और सौरमंडल में सूर्य और उसकी कुछ खगोलीय पिंड शामिल होता है उसके अंदर अन्य तारे ग्रह है। प्राकृतिक उपग्रह, शुद्र ग्रह ,उल्काएं, धूमकेत, बोने ग्रह, खगोलीय दूरी और हमारा सूरज यह सब चीजें मिलकर हमारे सौरमंडल का निर्माण करती है।
और इसके अलावा सौरमंडल और भी अन्य पिंड से मिलकर बना होता है।
सौरमंडल की खोज किसने की:- सन 1543 में सबसे पहले निकोलस कोपरनिकस ने खोजा कि सूर्य ब्रह्मांड का केंद्र है, और गणितीय भविष्यवाणी से हेलिओसेनिक प्रणाली को डेवलप करने वाले पहले इंसान 17 वी शताब्दी में गैलीलियो गैलीली और जॉन केपलर ने पता लगाया कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है। 1704 में सौर प्रणाली शब्द पहेली बार अंग्रेजी में प्रकाशित किया। गैलीलियो गैलीली की खोज से ही क्रिस्टियान हजेंस ने सेंटर के चंद्रमा टाइटन और शनि के चारों ओर छल्ले की खोज की और बाद में।
जियोवानी डोमिनिको कैसीनी ने सनी के चार और उपग्रह की खोज की और सन 1781 में बायनरी तारे की तलाश में थे जब उन्होंने नया धूमकेतु देखा। इसकी कक्षा से पता चला कि यह एक नया ग्रह यूरेनस था। इस प्रकार सौरमंडल में अनगिनत तारे और ग्रह है इसकी खोज कई वैज्ञानिकों ने की और सफल भी रहे और नई – नई खोजो मैं आज भी तत्पर है।
सौर मंडल में कितने ग्रह हैं ? हमारे सौरमंडल में ग्रहों की संख्या 8 है और इन ग्रहों के दो दो भागों में बांटा गया है।
(1) पहला आंतरिक ग्रह
(2) दूसरा बाहरी ग्रह
इन ग्रहो को दो भागों में बांटने का कारण शूद्रग्रह का घेरा है यह घेरा र मंगल और बृहस्पति के बीच में है। उनकी संख्या हजारों लाखों में है।
आंतरिक ग्रह:-
(1) बुद्ध
(2) शुक्र
(3) पृथ्वी
(4) मंगल
बाहरी ग्रह:-
(5) बृहस्पती
(6) सनी
(7) अरुण
(8) वरुण
9वा ग्रह प्लेटो था लेकिन वैज्ञानिकों ने प्लेटो को ग्रह की श्रेणी से हटा दिया क्योंकि यह बहुत छोटा था।
शुद्र ग्रह:- शुद्र गृह कई छोटे चट्टानों से मिलकर बना है।
उल्का और उल्का पिंड
उल्का: चटटानो या धातु के छोटे टुकड़े होते हैं जब शूद्रग्रह टूटते हैं तो उल्का बन जाते हैं।
उल्का पिंड: जब उल्का में रफ्तार और घर्षण के कारण आग लग जाती है तो यह उल्का, उल्कापिंड बन जाते हैं।
धूमकेतु: इसे पूछल तारा भी कहते है .इसका कारण इसके पीछे एक छोटी सी चमकदार पूछ होती है और धूमकेतु पत्थर, बर्फ और गैस से बने होते हैं जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
बौना ग्रह
हमारे सौरमंडल में 5 बोने ग्रह हैं
(1) यम
(2) सिरिस
(3) हाउ मैया
(4) माकेमाके
(5) एरीस।
यम को भी पहले ग्रह ही माना जाता था परंतु 2006 में इसे बोने ग्रह के रूप में जाना जाने लगा।
सूर्य
सूर्य हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा सदस्य है यह हाइड्रोजन और हीलियम गैस से मिलकर बनता है इसका जन्म 4.6 बिलियन साल पहले हुआ था सूय से सभी ग्रहों को प्रकाश और गर्मी मिलती है सूर्य की किरणों को सूर्य की केंद्र बिंदु से निकलने में कई मिलियन साल लग जाते हैं सूर्य। जिस प्रकार पृथ्वी और अन्य ग्रह सूरज की परिक्रमा करता है उसी प्रकार सूरज भी आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा करता है और यह समय 225- 250 मिलियन वर्ष लगते हैं और सूर्य द्वारा जो प्रकाश निकलता है उसके न्युट्रान 800 अरब से ज्यादा न्युट्रान हमारे शरीर से गुजर गए होंगे जब तक आपने यह वाक्य पढ़ा होगा।
सौरमंडल की कुछ रोचक जानकारियां
(1) हमारी आकाशगंगा में अनगिनत तारे मौजूद है इनमें से एक सूर्य भी है जो पृथ्वी के सबसे नजदीक का तारा है।
(2) सूर्य के भीतरी भाग का तापमान 14 ,9999726 डिग्री सेल्सियस और ऊपरी सतह का तापमान 5507 डिग्री सेल्सियस है।
(3) दुनिया के सिर्फ 6 देश पृथ्वी के 40 फ़ीसदी ,हिस्से को घेरे हुए हैं।
(4) एक दिन 23 घंटे 56 मिनट 4 सेकंड का होता है इतना ही समय पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमने में लेती है।
(5) सूरज के अंदर 1300000 ,पृथ्वी बराबर तारे समा सकते हैं।
(6) जब सूर्य ग्रहण पड़ता है तो सूर्य को नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता है इससे आंखों को नुकसान पहुंचता है।
(7) एक नए अध्ययन से पता चलता है कि एक विशालकाय लंबे समय से मृत तारे के आसपास बुलबुले बनने से हमारा सौरमंडल बना है।
इस प्रकार हमारे सौरमंडल की ढेरों अनजानी और रोचक जानकारियां है। जिसका उल्लेख करना शायद अभी नामुमकिन हों।
उपसंहार
हमारा सोरमंडल बहुत ही विशाल और वृहद है। यहां अनगिनत तारे और ग्रह हैं इसे पूर्ण रूप से जानना या खोजना अभी संभव नहीं हो पाया है वर्षों से पूरे विश्व की खगोल वैज्ञानिक सौरमंडल के रहस्य को उजागर करने में कठिन परिश्रम कर रहे हैं तथा दिन-प्रतिदिन नए-नए खगोलीय पहलुओं को हल कर हमारे सौरमंडल के बारे में नित नई जानकारी हमें उपलब्ध कराते हैं आने वाले दिनों में हमें इस सौरमंडल के बारे में कई महत्वपूर्ण और रोचक जानकारियां एवं खोज के बारे में सूचना प्राप्त होगी हम यहीं आशा करते है।
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