भविष्य में मोबाईल की आवशयकता पर निबंध- mobile needs in the future
भविष्य में कैसे मोबाईल की आवशयकता हो सकती है .
अगर हम आज से दस सालो की तकनिकी पर गौर करें तो उस समय कुछ ख़ास नहीं था। लोग आज की तरह हाई स्पीड वाले स्मार्ट फोन का इस्तमाल नहीं करते थे। और नाही आज की तरह इस्तमाल किये जाने वाले इंटरनेट की सुविधा पहले के फोनो में थी। लेकिन आज कल इंटरनेट के बिना जीवन जैसे थम ही गया हो इंटरनेट और स्मार्टफोन के बिना तो किसी जीवन थम सा जाता है आज की तारिक में कोई भी व्यक्ति इंटनेट और स्मार्टफोन के बिना अपना जीवन नीरस पाता है। इसलिए इंटनेट और स्मार्टफोन पर निर्भर रहना बोहोत अधिक बड़ गया है। मोबाईल लेकर सोता है तो मोबाइल देखकर ही सुबह की शुरुआत करता है।
ऐसे में इस दिशा में दिनों दिन नए प्रयास और नई तकनीकी का प्रयोग किया जा रहा है। और जो नई तकनीकी बनाई गयी है उसे और भी उन्नत बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जो की भविष्य में और भी मदतगार साबित हो सकती है। इस स्मार्टफोन और इंटरनेट ने हमारे जीवन में कई नई तकनीति का इज़ाफा किया है। और भविष्य में और भी इज़ाफा होगा। जो की हमारे जीवन में कई बदलाव करेंगा जैसे की आज मोबाईल की बजह से कोई भी व्यक्ति एक दूसरे से आसानी से बातचित करके अपने काम को आसान कर देता है।
परन्तु भविष्य में तो ऐसी तकनीकी आ जाएगी की कही जाने की आवशयकता ही नहीं पड़ेगी और आपका काम आसान हो जायेगा आप हर काम घर बैठे ही कर लेंगे जो की आज होता है। परन्तु भविष्य में और भी नई तकनीति से काम और आसान हो जायेगा। किया पता की आप मोबाइल में एक शब्द बोलो और मोबाईल उसे पूरा समझ ले।
ऐसी कई नई तकनीकों का इज़ाफ़ा होग़ा जो मोबाईल के चलते कई कार्यो में मदत करेंगा। मोबाईल में ऐसी कई तकनीके तो आ भी गयी है पर भविष्ये में इसमें कई बदलाव होना आरम्भ हो चूका है।
- इलेक्ट्रोवाईब्रेशन टेक्नोलॉजी-Electrovibration technology
- ब्रेन कम्प्यूटर इंटरफेस-Brain Computer interface
- वायरलेस स्पीड चार्जिंग-wireless speed charging
- आग्मेटेंटड रियल्टी-augmented reality
- स्पीच टू स्पीच ट्रांसलेशन-speech to speech translate
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लचीले और कलाई में पहने जा सकने वाले फोन-flexible mobile phone
इलेक्ट्रोवाईब्रेशन टेक्नोलॉजी-Electrovibration technology.
इलेक्ट्रोवाईब्रेशन टेक्नोलॉजी ,मोबाईल टचस्क्रीन एक्सप्रियंस को बिल्कुल बदल देगा। इस तकनीति के जरिये आप अपनी स्क्रीन पर ही हाथ को फेरकर आसानी से उसके टेक्स्चर को महसूस कर पाएंगे। इसके बाद से ऑनलाइन खरीददारी में क्रांति आ जायेगी। खासकर कपड़ो की खरीदारी में लोगो द्वारा इसे खासा पसंद किया जाएगा। इस सन्दर्भ में डिज्नी रिसर्च द्वारा लगातार अध्ययन किया जा रहा है। ताकि लोगो को उनकी मोबाईल की स्क्रीन पर टेक्स्चर को फील कराया जा सकें।
ब्रेन कम्प्यूटर इंटरफ़ेस- Brain Computer Interface
हर विचार की एक ब्रेन वेब पैटर्न हमारे दिमाग में बन जाती है। इसलिए दो इलेक्ट्रिकल सिग्नल कभी भी एक समान नहीं होते है। ये यूनिक इलेक्ट्रिक सिग्नल, बिशेष कमांड को कैच करते है। और इन्ही से पहचाने जाते है। उम्मीद है की आने वाले समय में स्मार्टफोन को ब्रेन कम्प्यूटर इंटरफेस के साथ रेडी किया जाएगा वो ब्रेन को रिड करके उस हिसाब से कमांड को सेट करेगा। भविष्य में आने बाली यह तकनीति कई अनोखे इंटरफेस के साथ लांच हो सकती है।
वायरलेस स्पीडी चार्जिंग-Wireless Speedy Charger
अगर आप किसी भी स्मार्टफोन यूजर से सबसे बड़ी समस्या पूछते है तो आप जबाव पाएंगे की बैटरी को दिन में दो बार चार्ज करना पड़ता है। साथ ही इसे चार्ज करने में लगने वा समय बहुत ज्यादा है।
ऐसे में टेक साइटिस्ट अब इस डायरेक्शन में काम करने की शुरुआत कर चुके है। और वायरलेस व फार्ट चार्जिंग देने वाले चार्जर और उन्हें स्पोर्ट करने वाले स्मार्टफोन बनाने लगे है। और 2018 में ऐसे स्मार्टफोन आ गए है, और लोगो की बैट्री सम्बन्धी शिकायत लगभग दूर हो गई है।
आग्मेटेंटड रियलिटी-Augmented reality
आने वाले समय में ए आर यानी ऑग्मेंटेड रियलिटी पर काम किया जायेगा इस तकनीक के माध्यम से सेन्स। खास कर देखने को साउंड ग्राफिक्स आदि के माध्यम से अधिक वास्तविक बनाने का प्रयास किया जायेगा। अब देखना यह है की ये तकनिकी कितनी सहज होती है। और यूजर्स इनके बारे में क्या फीडबैक देते है। रिसर्च की माने तो आने वाले समय मे तकनीकी बहुत उन्नत हो जाएगी। जिसके बारे में आज के समय में सोचा भी नहीं जा सकता है।
लचीले और कलाई में पहने जा सकने वाले फोन- flexible mobile phone
सुनकर अजीब लगता है की ऐसा कैसे हो सकता है। लेकिन ऐसी तकनिकी आ चुकी है और भविष्य में इसमें कई नए बदलाब भी कर दिए जाएँगे और तो और आप अपने स्मार्टफोन को फोल्ड करके अपनी कलाई में बाँध सकते है। या जेब में रख सकेंगे इन फोनो में लचीलापन बोहोत ज्यादा होग़ा और उनका टूटने का डर भी नहीं रहेंगा इस प्रकार के फोन में ( organic light emitting diode )OLED तकनिकी का इस्तमाल किया जायेगा।
स्पीच टू स्पीच ट्रांसलेशन–speech to speech translate
ऐसी डिवाइस की लांचिंग का विडिओ हाल ही में वायरल हुआ है लेकिन किसी ने अभी तक इसका इस्तमाल प्रत्यक्ष रूप से नहीं किया है। हालाँकि गूगल ट्रांसलेट में ऐसी सुविधा आ गईं है। की आप छोटे से शब्द को बोले तो वो ट्रांसलेट हो जाता है। लेकिन लम्बे वाक्यों के लिए अभी तक कोई तकनिकी ईज़ाद नहीं हुई है। ऐसे में इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है।
आप सोचेंगे की इनमें से बोहोत सी तकनिकी का प्रयोग तो होने लगा है। लेकिन आप को शायद पता नहीं इन तकनिकी जिसे आप ऊपर देख रहे है। उसमे भविष्य में ऐसे बदलाव हो जाएंगे जो आप सोच भी नहीं सकते और हमारी प्रकृति मइन तकनिकी का बोहोत अधिक प्रयोग होगा भविष्य में मोबाईरूप एक कम्प्यूटर रोबोट भी ले सकता है। हमारे मशीनीकरण में भी मोबाईल तकनिकी का प्रयोग करके इंसान के रूप में रोवोट काम करेंगे और उन्हें एक मोबाईल रिमोट का ही कमांड करेंगा।
आज से चालीस साल पहले मर्टिन कूपर नामक एक शख्स ने मोबाईल फोन की परिकल्पना की थी 1973 में कूपर ने दुनिया का पहला मोबाईल फोन कॉल किया। इस फोन का वज़न दो पाउंड था। और इस 10 घंटे चार्ज करने पर 35 मिनिट बात हो पाती थीं। इसकी कीमत 3995 पाउंड थी।
इस समय कई गुना तेज और हलका स्मार्टफ़ोन का चलन है यह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल हो चूका है। नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के क्यूरेटर जोशुआ बेल और जॉल कीपसर ने दो साल तक मोबाईल फोन कल्चर पर रिसर्च किया है। दोनों ने मिलकर पता लगाया की भविष्य में मोबाईल फोन में केसी टेक्नोलॉजी काम ली जायगी इसमें उन्होंने साइंस फिक्शन और रिसर्च की मद्त ली है।
शरीर में शामिल हो जाएगा भविष्य में फोन
हॉलीवुड मूवी ‘टोटल रिकॉल ‘ की तरह आने वाले समय में हमारा शरीर ही मोबाईल फ़ोन का काम करेगा। मसलन हथेली कीपेड बन जायँगी और हम एक फोन की तरह जो दूसरे स्मार्ट गैजेट से कनेक्टेड होगा।
यानी भविष्य में घर, दूकान, बड़े-बड़े कारखानों में सब जगह मोबाईल तकनिकी से कई कार्य आसान हो जाएंगे और आज की भागमभाग और थकान भरे जीवन से प्रतेक मनुष्य को राहत मिलेगी इस प्रकार मोबाईल मनुष्य के लिए भविष्य में आवश्यकता की एक कुंजी के रूप में कार्य करेंगा जो कि बोहोत उपयोगी साबित होग़ा।