नारी शिक्षा पर निबंध

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नारी शिक्षा पर निबंध-Essay on women education in hindi.

प्रस्तावना:- शिक्षा हर किसी के जीवन का अभिन्न अंग है। बिना शिक्षा की किसी के भी जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।  शिक्षण जीवन के हर पहलू को असर करता है। इस तरह शिक्षण स्त्री पुरुष दोनों का समान हक है। मगर भारत जैसे विकसित देश में स्त्रियों को शिक्षित बनाने के लिए कोई महत्व नहीं दिया गया है।  इस निबंध के माध्यम से शिक्षा का नारी जीवन में क्या महत्व है ये उजागर करने का प्रयास करेंगे।

अन्य देशों की तरह भारत भी एक विकसित देश है जिसमें पुराने समय की तुलना में आज हर एक जगह प्रगति और विकास हुआ देख सकते हैं। पुराने समय में नारी का कर्तव्य घरके काम करना, घर संभालना, बच्चे संभाल आदि कामों को ही महत्व दिया जाता था।  नारी के पढ़ाई को लेकर कोई ज्यादा व्यवस्था और उनका कोई ज्यादा महत्व नहीं था। मगर बदलते समय के साथ इसमें भी परिवर्तन आया है।

नारी के शिक्षा को लेकर आजकल कई योजनाएं आई है और नारी को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका दिया जा रहा है। आज के समय में नारी शिक्षित हो वह बहुत ही आवश्यक हो गया है नारी अगर पढ़ी लिखी होगी तो आने वाली पीढ़ी का निर्माण भी पढ़ा लिखा होगा।  नारी घर में आर्थिक रूप से भी सहायक कर सकती है। अगर कोई लड़का पढेगा तो सिर्फ अपने परिवार को ही आगे लाता है मगर जब कोई नारी पढ़ती है।  वह अपने साथ साथ दोनों परिवार को भी आगे ला सकती है।  इसलिए नारी का पढ़ा लिखा होना बहुत ही आवश्यक है शिक्षित नारी जीवन में आने वाली हर समस्याओं का शिक्षा के माध्यम से अपनी सूझबूझ से बाहर निकल सकती है।

अगर उस पर कभी कभी घरेलू हिंसा हो तो अपने कानूनी नियमों को जानकर वह उसी से भी अन्याय न सहकर न्याय के लिए आगे बढ़ सकती है।  बच्चों का पालन पोषण भी शिक्षित होने से अच्छे से कर सकती है। शिक्षित नारी बहुत ही आत्मा विश्वासी होती है शिक्षित होने से धन कमाकर अपने और अपने परिवार की आर्थिक रूप से मदद कर सकती है। इसलिए नारी के जीवन में शिक्षा बहुत ही महत्व है जीन के लिए आज के समय में सरकार ने भी हर नारी को शिक्षा मिले इसलिए फ्री में शिक्षण की भी व्यवस्था की है तदुपरांत नारी को शिक्षा में बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से पढ़ने वाली हर नारी को पाठ्यपुस्तक, यूनिफॉर्म, स्कूल जाने के लिए साइकिल जैसी कई चीजे स्कूल की तरफ से दिया जाता है।

अच्छे नंबरों से पास होने वाली लड़कियों के लिए पुरस्कार के रूप में नकद रुपयों देने का सरकार द्वारा प्रस्थापित किया गया है।  कइ पिछले नगरों में नारियों को स्कूल ले जाने के लिए बस जैसी सुविधाएं भी सरकार द्रारा पर्याप्त की गई है।

शिक्षा का प्रचार:-  आज हमारे भारत देश मे शिक्षा का काफी प्रचार हो गया है। नवीनतम आंकड़ो के अनुसार भारत की सम्पूर्ण जनसंख्या का करीब 73 प्रतिशत भाग शिक्षित है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 45 में ये प्रावधान है, कि 14 वर्ष तक कि आयु के बच्चो को मुफ्त शिक्षा देना राज्य का कर्तव्य है। भारत मे महिलाओ का 64.6 प्रतिशत भाग शिक्षित है। इस प्रतिशत में शहरी महिलाओं की संख्या अधिक है। स्वतंत्रता के उपरांत हमारे देश मे शिक्षा का व्यापक प्रचार हुआ है। केरल, मिजोरम, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, आदि राज्यो में शिक्षा का प्रतिशत बढ़ा है। केरल देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां के कोट्टायम-एनारकुलम जैसे जिलों में शत-प्रतिशत शिक्षित रहते है।

नारियो में शिक्षा की कमी के अनेक कारण रहे है। सबसे बड़ा कारण तो हमारी सदियों की गुलामी थी, जिसकी वजह से लड़कियों को अंग्रेजों के भय के कारण घर से बाहर नही निकलने दिया जाता था और उनके जिम्मे चूल्हा, चौका, घर का इंतजाम ओर बच्चों को जन्म देना तथा उनका लालन-पालन था। समय बदला और आज महिलाएं हर दिशा में आगे आ रही है।

प्राचीन भारत मे महिलाओं का स्थान:- प्राचीन भारत मे महिलाएं का स्थान समाज मे काफी महत्वपूर्ण था। महिलाएं भी पुरुषों के साथ यज्ञों में भाग लेती थी, युधो में जाति थी, शाश्त्रार्थ करती थी। धीरे धीरे महिलाओं का स्थान पुरुषों के बाद निर्धारित किया गया तथा पुरुषों ने महिलाओं के लिए मनमाने नियम बनाये ओर उनको अपना जीवन बिताने के लिए पिता, पति तथा पुत्र का सहारा लेने की प्रेरणा फैल गई। आज से शताब्दियों पूर्व स्त्रियों को अपना पति चुनने की स्वतंत्रता थी। पिता स्वयम्वर सभाओं का आयोजन करते थे, जिसमे लड़की अपनी इच्छा से अपने पति का वर्ण करती थी। इस प्रकार की सुविधाएं इसलिए दी गई थी, कि वे शिक्षित थी और अपना अच्छा तथा बुरा वे सही ढंग से सोचने में सक्षम थी। मुगलो के शासनकाल में शिक्षा, कला, साहित्य तथा अन्य विविध गुणों को प्राप्त करने की परिस्थितिया मिट सी गई थी।

उपसंहार :- इसलिए आज के किसी भी प्रगतिशील देश के लिए नारियों का शिक्षित होना आवश्यक है और आज की नारी शिक्षा के दम पर आगे बढ़ चुकी है। आज का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहाँ नारी ने अपने कदम न बढ़ाए हो।  यही देश का सच्चा विकास और प्रगति कहा जा सकता है।  इसीलिए तो कहा जाता है कि पढ़ेगा भारत , आगे बढ़ेगा भारत….

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1 thought on “नारी शिक्षा पर निबंध”

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